जिलेभर में ब्याजखोरों का एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है। जब भी कोई जरूरतमंद रुपयों की आवश्यकता होने पर इनके पास चला जाता है तो यह उसकी मजबूरी का इस कदर फायदा उठाते है। यह लोग भी जरूरतमंदों को रुपए की जरुरत पूरी करने के लिए ऊंचे ब्याज पर राशि देते है, जिसे चुकाने में संबंधित के हाल बेहाल हो जाते है। इस धंधे के जरिए ब्याजखोर पीड़ित का सूख-चेन छिनने के साथ ही उनके घर, जमीन के दस्तावेजों के साथ हस्ताक्षर किए कोरे चेक और एटीएम कार्ड भी छिन लेते है और जब पीडि़त उधारी चुकाते-चुकाते थक जाता है तो उसे डरा धमकाकर संपत्ति हड़पने का प्रयास करते है।
जिले के आदिवासी अंचल में भी ब्याजखोरों ने अपना जाल बून रखा है। हालही में यहां के एक पीडि़त ने इनसे परेशान होकर एसपी के पास जाकर शिकायत दर्ज कराई थी। जिसकी जांच के बाद पुलिस ने संबंधित के खिलाफ केस दर्ज किया। वहीं पुलिस ने जब मामले जांच की और संबंधित व्यक्ति के यहां से रिकार्ड जप्त किया तो एक ही व्यक्ति के पास 100 से अधिक लोगों को ब्याज पर राशि दिए जाने की बात सामने आई। इसके अतिरिक्त अन्य शिकायतकर्ता के मामले जांच में भी आरोपियों के पास से कई लोगों के रिकार्ड मिले है। पुलिस ने अन्य लोगों को भी तलाशा तो कुछ पीडि़त स्वयं पुलिस के पास पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई जिसके चलते पुलिस ने 36 मामलों में 48 लोगों के खिलाफ कायमी की।
शिकायत मिलेगी तो करेंगे कार्रवाई
– रतलाम में ब्याजखोरों के चंगुल में कई लोग फंसे है। एक माह में 36 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई जिस पर 48 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनके यहां से मिले रिकार्ड में करीब 300 पीड़ितों का हिसाब है। इनके यहां से बड़ी संख्या में चेक, एटीएम, प्रामेसरी नोट सहित अन्य दस्तावेज व सामान मिला है। बिना लाइसेंस के अवैध रूप से यह काम उक्त काम कर रहे थे जिससे लोग परेशान थे। यदि ओर कोई भी शिकायत करना चाहता है तो वह कर सकता है।
गौरव तिवारी, पुलिस अधीक्षक
फैक्ट फाइल
31 – दिन
36 – एफआईआर
48 – आरोपी
300 – से अधिक पीडि़त लगभग