रेलवे गार्ड के बदले उनके डिब्बे में एंड ऑफ ट्रेन टेरिमेंटरी (ईओटी) सिस्टम लगाने जा रहा है। अगले माह से करीब एक हजार मालगाडियों से इसकी शुरुआत होगी।
रतलाम। ट्रेन को चलाने में संचालक की भुमिका निभाने वाले गार्ड की सेवाएं रेलवे आने वाले समय में अन्य कार्यो में लेगा।
इसकी वजह रेलवे की ट्रेनें बगैर गार्ड के पटरी पर दौड़ेगी। रेलवे गार्ड के बदले उनके डिब्बे में एंड ऑफ ट्रेन टेरिमेंटरी (ईओटी) सिस्टम लगाने जा रहा है। अगले माह से करीब एक हजार मालगाडियों से इसकी शुरुआत होगी। इससे लाभ ये होगा कि मंडल में अधिक काम या अवकाश नहीं मिलने की गार्ड की शिकायते बंद होगी।
इस समय देश में करीब 10 हजार से अधिक मालगाडियां पटरी पर दौड़ रही है। मालगाडि़यों से रेलवे को आय होती है। जो नया सिस्टम रेलवे के आरडीएसओ ने इजाद किया है, उसको ही सबसे पहले प्रयोग के रुप में मालगाड़ी में लगाने जा रहा है। ईओटी को गार्ड के डिब्बे में लगाया जाएगा। इस सिस्टम का काम ट्रेन के चलने के दौरान पहिंयों के तापमान सहित इमरजेंसी ब्रेक, दुर्घटना आदि को टालने का काम करना होगा।
डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाएगा
असल में इसके संचालन के लिए इंजन में एक डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाएगा। उस बोर्ड पर ईओटी से मिलने वाले संकेत को देखकर ट्रेन का संचानल होगा। इस समय करीब एक हजार ट्रेन के गार्ड बोगी में इसको आरडीएसओ लगाने जा रहा है। रेलवे के अनुसार एक मालगाड़ी में 8-8 घंटे की शिफ्ट के अनुसार करीब 3 गार्ड ड्यूटी करते है। एक हजार मालगाड़ी में इसको लगाने से तीन हजार गार्ड से कुछ और कार्य लिया जाएगा।
एक वर्ष लगेगा इसमे
आरडीएसओ ने ये यंत्र बनाया है। इसका परीक्षण नवंबर माह में किया जाएगा। इसके बाद इसको शुुरुआती चरण में एक हजार मालगाड़ी में लगाया जाएगा। अभी जो परीक्षण किया गया, वो हमने छोटे रुट पर किया है जो सफल रहा। इसको सभी मालगाड़ी में लगाने में करीब एक से डेढ़ वर्ष का समय लगेगा।
-विजय कुमार, महानिदेशक, आरडीएसओ, लखनऊ