न शेड्यूल कटौती न परमिट की अनुमति
बिजली कटौती को लेकर कंपनी ने शेड्यूल कटौती के साथ ही परमिट की अनुमति पर रोक लगा दी है। इसके चलते मानसून पूर्व होने वाले मेंटेनेस पर रोक लगा दी है। अगर मेंटेनेस की आवश्यकता होती है तो संबंधित अधिकारी को इसका प्रपोजल बना कर डीई के माध्यम से एसी को भेजना पड़ेगा, परमिट या बिजली कटौती की अनुमति मिलने पर ही कटौती कर सकेंगे। हालांकि वर्तमान में इसकी अनुमति भी नहीं मिल पा रही है, क्योंकि सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि अभी किसी भी प्रकार की कटौती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बिजली कटौती को लेकर कंपनी ने शेड्यूल कटौती के साथ ही परमिट की अनुमति पर रोक लगा दी है। इसके चलते मानसून पूर्व होने वाले मेंटेनेस पर रोक लगा दी है। अगर मेंटेनेस की आवश्यकता होती है तो संबंधित अधिकारी को इसका प्रपोजल बना कर डीई के माध्यम से एसी को भेजना पड़ेगा, परमिट या बिजली कटौती की अनुमति मिलने पर ही कटौती कर सकेंगे। हालांकि वर्तमान में इसकी अनुमति भी नहीं मिल पा रही है, क्योंकि सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि अभी किसी भी प्रकार की कटौती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मेंटेनेस नहीं किया तो बारिश में बढ़ेगी परेशानी
बिजली कंपनी ने कटौती पर रोक लगने से मेंटेनेस व विकास कार्य रुक गए हैं। ऐसे में अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो बारिश के दौरान चलने वाली तेज आंधी से तार टूटने व गिरने फाल्ट आदि की समस्या होगी। इसके चलते बारिश में परेशानी बढ़ेगी। इसमें सुधार के लिए ज्यादा समय लगेगा, क्योंकि बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में कीचड़ आदि हो जाएगा। इसमें चलना व वाहन चलाना मुश्किल होगा।
बिजली सप्लाई व्यवस्था में लगातार सुधार
बिजली सप्लाई व्यवस्था में लगातार सुधार जारी है। इसके लिए सभी अधिकारी- कर्मचारी लगे हैं। बिजली कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से संख्या में कमी आ रही है, लेकिन सुचारू बिजली सप्लाई बनी रहे इसलिए आवश्यकता के अनुसार आईटीआई से ट्रेड लोगों को आउटसोर्सिंग पर रखा है। निलंबित अधिकारियों के स्थान पर तत्काल अन्य को प्रभार सौंप दिया है। – बीएल चौहान, अधीक्षण अभियंता, मप्र पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी, रतलाम वृत्त।
कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी, बिना शर्त वापस काम पर लें
शासन को गलतफहमी हो गई है कि अधिकारी व कर्मचारी बिजली कटौती करवा रहे हैं। जबकि कर्मचारी विद्युत आपूर्ति बहाल करने में लिए अपनी सेवाएं देने में पीछे नहीं हटता है। दोषारोपण करना बिजलीकर्मचारियों के साथ नाइंसाफी है। इस पर रोक लगाकर बिना शर्त निलंबित अधिकारियों-कर्मचारियों को वापस लिया जाए। – चंद्रशेखर शर्मा, संगठन प्रमुख, बिजली कर्मचारी महासंघ
बिजली कंपनी ने कटौती पर रोक लगने से मेंटेनेस व विकास कार्य रुक गए हैं। ऐसे में अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो बारिश के दौरान चलने वाली तेज आंधी से तार टूटने व गिरने फाल्ट आदि की समस्या होगी। इसके चलते बारिश में परेशानी बढ़ेगी। इसमें सुधार के लिए ज्यादा समय लगेगा, क्योंकि बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में कीचड़ आदि हो जाएगा। इसमें चलना व वाहन चलाना मुश्किल होगा।
बिजली सप्लाई व्यवस्था में लगातार सुधार
बिजली सप्लाई व्यवस्था में लगातार सुधार जारी है। इसके लिए सभी अधिकारी- कर्मचारी लगे हैं। बिजली कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से संख्या में कमी आ रही है, लेकिन सुचारू बिजली सप्लाई बनी रहे इसलिए आवश्यकता के अनुसार आईटीआई से ट्रेड लोगों को आउटसोर्सिंग पर रखा है। निलंबित अधिकारियों के स्थान पर तत्काल अन्य को प्रभार सौंप दिया है। – बीएल चौहान, अधीक्षण अभियंता, मप्र पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी, रतलाम वृत्त।
कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी, बिना शर्त वापस काम पर लें
शासन को गलतफहमी हो गई है कि अधिकारी व कर्मचारी बिजली कटौती करवा रहे हैं। जबकि कर्मचारी विद्युत आपूर्ति बहाल करने में लिए अपनी सेवाएं देने में पीछे नहीं हटता है। दोषारोपण करना बिजलीकर्मचारियों के साथ नाइंसाफी है। इस पर रोक लगाकर बिना शर्त निलंबित अधिकारियों-कर्मचारियों को वापस लिया जाए। – चंद्रशेखर शर्मा, संगठन प्रमुख, बिजली कर्मचारी महासंघ