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बिजली कटौती पर मध्यप्रदेश सरकार का ये बड़ा फैसला

locationरतलामPublished: Apr 23, 2019 01:31:45 pm

Submitted by:

sachin trivedi

बिजली कटौती पर मध्यप्रदेश सरकार का ये बड़ा फैसला

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रतलाम. सरकार व बिजली कंपनियां अधिकारियों व कर्मचारियों पर सुचारू बिजली संचालन के लिए दबाव बना रही है, लेकिन बीते सालों में रिक्त हुए पदों पर कर्मचारियों की नियुक्तियां नहीं होने से बिजली संचालन व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। जिले में बिजली के चार लाख से अधिक उपभोक्ता है। जबकि लाइनमैन के स्वीकृत 477 पद हैं। इसमें से 367 पद खाली हैं। 110 लाइनमैन ही स्थायी है। इसके चलते कंपनी ने 100 लाइन अटैंडर को आउट सोर्सिंग पर रखा है। 1800 से अधिक उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी एक लाइनमैन के भरोसे है। इसमें भी आधे आउटसोर्सेस के हैं। जिले में वर्षों से बिजली कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों के स्वीकृत पद साढ़े आठ सौ से अधिक हैं। इसमें से अभी भी 170 पद रिक्त पड़े हैं। कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद उन पदों पर नियुक्तियां नहीं की गई। वहीं, दो दिन पूर्व कंपनी ने जिले के 25 अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबन व बर्खास्त किया है। इसमें तीन जेई, चार लाइनमैन व 18 आउटसोर्सिंग कर्मचारी शामिल है। ऐसे में आने वाले दिनों में बिजली सप्लाई की व्यवस्था गड़बड़ा जाएगी। कंपनी ने निलंबित अधिकारियों के स्थान पर तत्काल अन्य को प्रभार सौंपा है।
न शेड्यूल कटौती न परमिट की अनुमति
बिजली कटौती को लेकर कंपनी ने शेड्यूल कटौती के साथ ही परमिट की अनुमति पर रोक लगा दी है। इसके चलते मानसून पूर्व होने वाले मेंटेनेस पर रोक लगा दी है। अगर मेंटेनेस की आवश्यकता होती है तो संबंधित अधिकारी को इसका प्रपोजल बना कर डीई के माध्यम से एसी को भेजना पड़ेगा, परमिट या बिजली कटौती की अनुमति मिलने पर ही कटौती कर सकेंगे। हालांकि वर्तमान में इसकी अनुमति भी नहीं मिल पा रही है, क्योंकि सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि अभी किसी भी प्रकार की कटौती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मेंटेनेस नहीं किया तो बारिश में बढ़ेगी परेशानी
बिजली कंपनी ने कटौती पर रोक लगने से मेंटेनेस व विकास कार्य रुक गए हैं। ऐसे में अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो बारिश के दौरान चलने वाली तेज आंधी से तार टूटने व गिरने फाल्ट आदि की समस्या होगी। इसके चलते बारिश में परेशानी बढ़ेगी। इसमें सुधार के लिए ज्यादा समय लगेगा, क्योंकि बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में कीचड़ आदि हो जाएगा। इसमें चलना व वाहन चलाना मुश्किल होगा।
बिजली सप्लाई व्यवस्था में लगातार सुधार
बिजली सप्लाई व्यवस्था में लगातार सुधार जारी है। इसके लिए सभी अधिकारी- कर्मचारी लगे हैं। बिजली कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से संख्या में कमी आ रही है, लेकिन सुचारू बिजली सप्लाई बनी रहे इसलिए आवश्यकता के अनुसार आईटीआई से ट्रेड लोगों को आउटसोर्सिंग पर रखा है। निलंबित अधिकारियों के स्थान पर तत्काल अन्य को प्रभार सौंप दिया है। – बीएल चौहान, अधीक्षण अभियंता, मप्र पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी, रतलाम वृत्त।

कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी, बिना शर्त वापस काम पर लें
शासन को गलतफहमी हो गई है कि अधिकारी व कर्मचारी बिजली कटौती करवा रहे हैं। जबकि कर्मचारी विद्युत आपूर्ति बहाल करने में लिए अपनी सेवाएं देने में पीछे नहीं हटता है। दोषारोपण करना बिजलीकर्मचारियों के साथ नाइंसाफी है। इस पर रोक लगाकर बिना शर्त निलंबित अधिकारियों-कर्मचारियों को वापस लिया जाए। – चंद्रशेखर शर्मा, संगठन प्रमुख, बिजली कर्मचारी महासंघ
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