प्राचीन समय से बन रही अनूठी खीर
धराड़ के महाकाल मन्दिर पर 47 वां महारुद्र यज्ञ 28 फरवरी से शुरू हो गया है। जिसमें आचार्य चंद्रशेखर जोशी के सान्निध्य में यज्ञ होगा। इस आयोजन में धराड़ के प्राचीन परमार कालीन महाकाल मंदिर से 4 मार्च महाशिवरात्रि को महाकाल बाबा की शाही सवारी निकाली जाएगी, जोनगर के प्रमुख मार्गों से भ्रमण करेगी। महाकाल मन्दिर यज्ञ समिति के अध्यक्ष राजाराम पाटीदार ने बताया कि 6 मार्च को पांच दिवसीय यज्ञ की पूर्णाहुति होगी साथ ही गंगाजल कलश यात्रा और शाही भंडारे का आयोजन भी होगा।
धराड़ के महाकाल मन्दिर पर 47 वां महारुद्र यज्ञ 28 फरवरी से शुरू हो गया है। जिसमें आचार्य चंद्रशेखर जोशी के सान्निध्य में यज्ञ होगा। इस आयोजन में धराड़ के प्राचीन परमार कालीन महाकाल मंदिर से 4 मार्च महाशिवरात्रि को महाकाल बाबा की शाही सवारी निकाली जाएगी, जोनगर के प्रमुख मार्गों से भ्रमण करेगी। महाकाल मन्दिर यज्ञ समिति के अध्यक्ष राजाराम पाटीदार ने बताया कि 6 मार्च को पांच दिवसीय यज्ञ की पूर्णाहुति होगी साथ ही गंगाजल कलश यात्रा और शाही भंडारे का आयोजन भी होगा।
यज्ञ कुंड के ऊपर चावल से बनती खीर
6 मार्च को महाभंडारे के साथ यज्ञ का समापन होगा जिसमें महाप्रसादी नगर भोज की सेवा श्रवण चंपालाल पाटीदार द्वारा किया जाएगा। महाकाल मंदिर यज्ञ समिति के अध्यक्ष राजाराम पाटीदार ने बताया कि करीब 10 वर्षों से महाकाल मंदिर पर 5 दिनों तक चलने वाला यज्ञ में मुख्य यज्ञ कुंड के ऊपर 5 दिनों तक चावल से बनी खीर को यज्ञ से उठती ज्वाला से पकाई जाती है, जिसको भंडारे वाले दिन नि:संतान महिलाओं को खिलाई जाती है। महाकाल की कृपा से संतान प्राप्ति का योग प्राप्त होता है।
6 मार्च को महाभंडारे के साथ यज्ञ का समापन होगा जिसमें महाप्रसादी नगर भोज की सेवा श्रवण चंपालाल पाटीदार द्वारा किया जाएगा। महाकाल मंदिर यज्ञ समिति के अध्यक्ष राजाराम पाटीदार ने बताया कि करीब 10 वर्षों से महाकाल मंदिर पर 5 दिनों तक चलने वाला यज्ञ में मुख्य यज्ञ कुंड के ऊपर 5 दिनों तक चावल से बनी खीर को यज्ञ से उठती ज्वाला से पकाई जाती है, जिसको भंडारे वाले दिन नि:संतान महिलाओं को खिलाई जाती है। महाकाल की कृपा से संतान प्राप्ति का योग प्राप्त होता है।