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ये है बाबा अमरनाथ के भक्त…इन्हे नहीं किसी का भय हर बाधा पार कर पहुंचे रहे आगे

locationरतलामPublished: Jul 03, 2018 12:43:00 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

बरसों से बाबा अमरनाथ के दर्शनार्थ पहुंचने वाले भक्त इस साल हुए मायूस, कई भक्त दर्शन किए बगैर घर आए, कई भक्तों की अब भी यात्रा जारी

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ये है बाबा अमरनाथ के भक्त…इन्हे नहीं किसी का भय हर बाधा पार कर पहुंचे रहे आगे

रतलाम। राह में लाख बाधा पर बाबा अमरनाथ के दर्शन फिर करेंगे, मन में बाबा बर्फानी के भक्तों में अब भी यही ललक है। बरसों से अनवरत यात्रा कर रहे भक्तों इस साल यात्रा अधूरी छोडऩा पड़ी और पीड़ा है कि बाबा के दर्शन नहीं कर पाए, लेकिन अब भी अब भी आस की अगर स्थिति सुधरी तो इसी साल बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे यह कहना है आधी यात्रा कर लौटे बाबा अमरनाथ के भक्तों का। रतलाम के ऐसे कई भक्त है जो अपनी यात्रा अनवरत जारी रखे हुए आज जम्मू से बालटाल पहुंचे अब आगे की यात्रा शुरू करेंगे। पत्रिका ने जब उनसे चर्चा की तो उनका कहना था कि अब यात्रा परेशानी वाली हो गई, पहले ऐसे हालात नहीं थी। पत्थरबाजों के साथ ही मौसम भी साथ नहीं दे रहा है।
रतलाम से २५० से अधिक यात्रा हर साल बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए जाते है, लेकिन इस साल संख्या आधी रह जाएगी। कई भक्त तो वापस दर्शन किए बगेर ही आ गए है। पिछले सालों में ४.५ लाख यात्री दर्शन करने पहुंचते थे, लेकिन इस साल करीब २ लाख यात्रियों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया है। वर्तमान हालात देखते हुए इनमें से भी कम हो जाएंगे। आज जम्मू से पांचवा जत्था छोड़ा है, जिसमें ४५०० करीब यात्री दर्शन के लिए रवाना हुए है।
साथी गए यात्रा दुर्गम, स्थिति तनावपूर्ण
भक्त अशि£न शर्मा ने बताया कि दुर्गम यात्रा है, १९९९ से बाबा अमरनाथ की यात्रा करता आ रहा हूं, १७ बार यात्रा कर चुका हूं। इस साल में मणि महेश के दर्शन के लिए जाना है, पिछले साल भी मनसरोवर की यात्रा की थी। इस साल निलेश राव, विशाल बैरागी, शुभम जैन आदि १० साथी गए है, बाबा अमरनाथ की यात्रा पर जो वैष्णोदेवी के दर्शन कर यह आज श्रीनगर पहुंचने पर फेसबुक पर अपडेट हुए मुझसे, कल बालटाल पहुंचेंगे और परसो बाबा अमरनाथ की यात्रा पर निकलेंगे। हालात वहां के तनाव पूर्ण होने के साथ ही मौसम की मार है। इसलिए कई श्रद्धालु यात्रा नहीं करते हुए पुन: लोट आए है। १५ मिनट भी अगर पानी गिरता है तो रास्ते जाम हो जाते हैं।
अब बहुत दुर्गम हो गई यात्रा, भक्त परेशान होते हैं
राजकुमार गुर्जर, कनेरी ने बताया कि यह हमारी २०वीं यात्रा थी, बाबा अमरनाथ के १९ बार तो दर्शन कर आए। अब यात्रा दुर्गन हो गए, भक्त परेशान होते हैंं। इस साल दर्शन नहीं कर पाए। वहां के स्थानीय लोग आंतकवादियों का भी सपोर्ट करते है और बसों पर पत्थर फेंकने के साथ ही जगह-जगह पत्थर, पेड़ों से रास्ता जाम कर देते हैं। फिर भी अगर रक्षाबंधन तक स्थिति सही हो गई तो दर्शन के लिए जाएंगे। १६ जून को यात्रा शुरू की थी, १७ को हरिद्वार पहुंच गए थे तो समाचार मिले इस साल सरकार गिर जाने के कारण अधिक उत्पाद मचाने की स्थिति दिख रही थी, इसलिए वापस आ गए। बाढ़ की स्थिति भी बनी हुई है, कई यात्रा फंसे हुए थे। इस बार इसलिए भी मन नहीं किया। पिछले साल भी गुजरात की बस पर हमला हुआ तब केवल हमारा डेढ़ घंटे का फासला था। फिर भी हमें पत्थर मारे उस स्थिति में भी दर्शन करते हम आए। जेसीबी से उखाड़कर पत्थर सड़कों पर डाल दिए थे, ताकि यात्री परेशान हो और हम उन पर हमला करे। हम पिछलेे साल भी रात में निकलकर आए थे।
बाबा की ईच्छा नही थी इस बार दर्शन देने की
हरमाला रोड निवासी वासुदेव पाटीदार का कहना है कि २००० से जा रहे हैं, इस बार यात्रा नहीं कर पाए, हमारा जाने था, लेकिन केदारनाथ जाकर हम अमरनाथ जाने वाले थे, लेकिन स्थिति अपने पक्ष में नहीं थी इसलिए वापस आ गए। पिछले साल भी जमकर हमारी बसों पर पत्थरबाजी हुई थी और हमे लगी थी। बाबा की इच्छा नहीं थी दर्शन देने की लेकिन यात्रा जारी रहेगी। चार-पांच साल पहले यात्रा के दौरान लालचौक हमला हमारी आंखों के सामने हुआ, एक बार हनुमानजी के मंदिर में सोये रहे और ऊपर रात भर गोली चलती रही, फिर भी दर्शन किए। इस बार तो अति हो गई है। १२ दिन में यात्रा करके वापस आए, इस दौरान हरिद्वार, गंगोत्री, यमनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ आदि के दर्शन अच्छे से किए, लेकिन मलाल रहेगा की बाबा अमरनाथ के दर्शन नहीं कर पाए। जम्मू में जाते ही लगता है कि हम हिन्दूस्तान से बाहर आ गए।
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