समाजसेवी ने दी आर्थिक सहायता
एक छोटे से गांव में एक गरीब किसान घनश्यामसिंह के घर जन्मे विजयसिंह का परिवार इतना सक्षम नहीं था कि सारी सुविधाएं जुटा सके और बाहर खेलने जा सके या एक अच्छे कोच के नेतृत्व में तैयारी कर सके। ऐसे में विजयसिंह को अपना भविष्य अंधकार में दिख रहा था। उन्होंने उम्मीदें तोड़ दी थी। विजय के समाज के ही एक समाजसेवी को यह पता चला और उन्होंने विजयसिंह को आर्थिक सहायता दी। इसी के दम पर आज विजयसिंह को मध्यप्रदेश की टीम में खेलने का मौका मिला।
एक छोटे से गांव में एक गरीब किसान घनश्यामसिंह के घर जन्मे विजयसिंह का परिवार इतना सक्षम नहीं था कि सारी सुविधाएं जुटा सके और बाहर खेलने जा सके या एक अच्छे कोच के नेतृत्व में तैयारी कर सके। ऐसे में विजयसिंह को अपना भविष्य अंधकार में दिख रहा था। उन्होंने उम्मीदें तोड़ दी थी। विजय के समाज के ही एक समाजसेवी को यह पता चला और उन्होंने विजयसिंह को आर्थिक सहायता दी। इसी के दम पर आज विजयसिंह को मध्यप्रदेश की टीम में खेलने का मौका मिला।
क्रीड़ा शिक्षक का रहा मार्गदर्शन
विजय सिंह ने बताया कि महाविद्यालय के क्रीड़ा शिक्षक विजय दीक्षित ने उन्हें हमेशा उसे आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने जिस तरह से मार्गदर्शन दिया उसी का परिणाम है कि मैं मप्र टीम में चयनीत हो गया है।
विजय सिंह ने बताया कि महाविद्यालय के क्रीड़ा शिक्षक विजय दीक्षित ने उन्हें हमेशा उसे आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने जिस तरह से मार्गदर्शन दिया उसी का परिणाम है कि मैं मप्र टीम में चयनीत हो गया है।
पहला मैच ३ मई को
विजय ने बताया कि 3 मई को राजस्थान के खिलाफ उनका पहला मैच दिल्ली में होगा। पत्रिका से विशेष चर्चा में विजय ने बताया कि उनके जीवन का पहला अहम मैच मप्र के लिए वो राजस्थान के खिलाफ दिल्ली में खेलेंगे।
विजय ने बताया कि 3 मई को राजस्थान के खिलाफ उनका पहला मैच दिल्ली में होगा। पत्रिका से विशेष चर्चा में विजय ने बताया कि उनके जीवन का पहला अहम मैच मप्र के लिए वो राजस्थान के खिलाफ दिल्ली में खेलेंगे।
देश के लिए खेलने की इच्छा
विजयसिंह का एक सपना है कि आने वाले दिनों में टीम इंडिया का हिस्सा बने और देश के लिए खेले। विजय बताते है कि जब से क्रिकेट का बल्ला पकड़ा था तबसे एक ही सपना था कि उनका टीम इंडिया टीम में चयन हो।
विजयसिंह का एक सपना है कि आने वाले दिनों में टीम इंडिया का हिस्सा बने और देश के लिए खेले। विजय बताते है कि जब से क्रिकेट का बल्ला पकड़ा था तबसे एक ही सपना था कि उनका टीम इंडिया टीम में चयन हो।
गर्व की बात गर्व महसूस होता है की एक छोटे से गांव का एक लड़का सड़कों पर क्रिकेट खेलकर मध्यप्रदेश टीम का हिस्सा बनता है। विजयसिंह का चयन मध्यप्रदेश टीम में होना बहुत बड़ी बात है।
कीर्तिशरणसिंह, रतलाम जिला क्रिकेट एसोशियेशन अध्यक्ष
कीर्तिशरणसिंह, रतलाम जिला क्रिकेट एसोशियेशन अध्यक्ष
प्रतिभाएं छोटे गांवों से ही निकलती इतिहास गवाह है कि प्रतिभाएं छोटे गांवों से ही निकलती है। विजयसिंह भी एक छोटे से गांव का हिस्सा है और गांव में रहकर मध्यप्रदेश की टीम में चयन होना गर्व की बात है। विजय एक दिन देश के लिए खेलकर जावरा विधानसभा का नाम रोशन करे।
डॉ. राजेन्द्र पांडे, विधायक जावरा विधानसभा
डॉ. राजेन्द्र पांडे, विधायक जावरा विधानसभा
गर्व हो रहा है क्रिकेट खेलने जाता था तो मैं उसे बोलता था कि हम गरीब परिवार से हैं। हम क्रिकेटर नही बन पाएंगे, लेकिन विजय हमेशा कहता था कि अगर मेहनत की जाए तो जिंदगी में आसमान भी छू सकते हैं। आज उसका मप्र टीम में चयन हुआ तो गर्व हो रहा है।
घनश्यामसिंह राजपूत, विजयसिंह के पिता
घनश्यामसिंह राजपूत, विजयसिंह के पिता
सचिन तेंदुलकर आदर्श बचपन से ही सचिन तेंदुलकर को आदर्श मानकर क्रिकेट की शुरुआत की थी। लगातार क्रिकेट से जुड़ा रहा और खेलता रहा जिससे मध्यप्रदेश की टीम में चयन हुआ। एक दिन देश के लिए खेलूंगा यह इच्छा है।
विजयसिंह राजपूत, मप्र टीम में चयनीत खिलाड़ी
विजयसिंह राजपूत, मप्र टीम में चयनीत खिलाड़ी