जनशिक्षक और बीएसी के पद पर नई नियुक्तियां होने के बाद पूर्व में जो कार्यरत थे और चार साल की अवधि पूरी कर चुके हैं उन्हें सितंबर माह में ही जिला शिक्षा केंद्र से रिलीव कर दिया गया था। नवंबर माह में दीपावली होने से उस माह इन्हें राज्य सरकार के विशेष आदेश से वेतन तो जारी कर दिया किंतु इसके पहले का और बाद का वेतन आज तक नहीं मिल पाया है।
संयुक्त संचालक ने की था काउंसलिंग
रिलीव कर दिए गए इन शिक्षकों की पदस्थापना करने के लिए संभागीय संयुक्त संचालक ने काउंसलिंग भी कर ली। इसके बाद से लेकर आज तक मामला अधर में ही है। न तो इनकी पदस्थापना किसी स्कूल में हुई और न ही वेतन ही मिल पाया है। इनका वेतन इसलिए नहीं मिल पाया कि किस स्कूल से इनका वेतन निकाला जाए क्योंकि कहीं पदस्थ ही नहीं किए गए हैं।
जिले के ३२ शिक्षकों की किसी स्कूल में पदस्थापना नहीं होने की दशा में उन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का नुकसान हो रहा है। बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। तिमाही परीक्षा हो चुकी है। अब आगामी माहों में बच्चों की वार्षिक परीक्षा होने वाली है जिसकी तैयारियां चल रही है। ऐसे में स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को इन शिक्षकों का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बिना पदस्थापना के शिक्षक-शिक्षिकाएं
उज्जैन संभाग -43
रतलाम में – 32
उज्जैन में – 10
शाजापुर में – 01
संभाग से होना है पदस्थापना
रिलीव किए गए जनशिक्षकों और बीएसी की स्कूलों में पदस्थापना संभागीय संयुक्त संचालकस्तर से होना है। इन लोगों की काउंसलिंग भी कर चुके हैं। क्यों देरी हो रही है यह वरिष्ठ कार्यालय पर निर्भर है। यह सही है कि इनकी पदस्थापना नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।
केसी शर्मा, डीईओ, रतलाम