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कप्तान ने कहा थानों में टॉयलेट होंगे महिलाओं के लिए आरक्षित

locationरतलामPublished: Dec 10, 2017 06:09:29 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

किसी भी थाने में नहीं महिलाओं के लिए अलग से टॉयलेट

patrika

रतलाम। महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू के बाद से जिले के तकरीबन सभी थानों में महिला कर्मचारियों को तैनात किया गया है। महिला आरक्षक से लेकर एसआई तक हैं, लेकिन इनके लिए अलग से टॉयलेट नहीं हैं। महिला कर्मचारियों को थाने पर ड्यूटी के दौरान परेशान होना पड़ता है। उनकी परेशानी के लिए न तो पुलिस अफसरों ने ध्यान दिया ओर न ही थाना प्रभारी ने। यह सब उस दौर की हकीकत है जब घर से लेकर आंगन तक स्वच्छता का संदेश दिया जा रहा है और हर दफ्तर में टॉयलेट बनाने के दावे हो रहे है।

जिले के सभी 2० थानों में टॉयलेट तो हैं, लेकिन कई थानों में महिलाओं के लिए टॉयलेट रूम नहीं है। बने टॉयलेट भी पुरुषों के लिए ही हैं और कई स्थान पर कॉमन है। जिले में तकरीबन सभी थानों के भवन उस समय के हैं, जब पुलिस बल में महिलाओं की संख्या न के बराबर हुआ करती थी। ऐसे में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के थानों के भवनों में महिलाओं की जरूरत के मुताबिक टॉयलेट बनवाए ही नहीं गए। केवल पुरुष कर्मियों के लिए ही टॉयलेट बनवाए गए हैं। पुलिस बल में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण है और तकरीबन हर थाने पर महिला एसआई से लेकर आरक्षक पदस्थ हैं तो भी थानों में टॉयलेट बनवाने पर ध्यान नहीं है।

कैदियों के लिए हवालात में ही टॉयलेट
थानों के भवनों में पुलिसकर्मियों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था है। कई थाने जिनके भवन नए बने हैं, उनमें कैदियों को रखने के लिए बनाई गई हवालातों में भी टॉयलेट बनाया गया है, लेकिन महिलाओं की समस्याओं को दूर करने के लिए टॉयलेट नहीं बनाया गया।

शहरी व कस्बाई क्षेत्र के थानों में सबसे अधिक समस्या
शहर के थाने माणक चौक, दीनदयाल नगर व अजाक, जीआरपी में महिला टॉयलेट नहीं हैं। इसके अलावा जावरा, बड़ावदा, रिंगनोद, पिपलौदा, कालूखेड़ा कस्बाई थानें हैं। इन थानों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या भी अधिक है। साथ ही थानों में महिला फरियादी आदि भी आते हैं, लेकिन टॉयलेट न होने से महिलाओं को परेशानी उठानी पड़ती है। हालांकि पुलिस महकमा अब प्रस्ताव भोपाल भेजने की बात कह रहा है।

फिलहाल जिन थानों में दो टॉयलेट हैं, उनमें से एक महिलाओं के लिए आरक्षित

ये बात सही है कि पुराने थानों में महिलाकर्मी के लिए टॉयलेट नहीं है। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा है। आलोट में बने नए थाने में महिला टॉयलेट पर ताला लगा था, निरीक्षण के दौरान खुलवाया था। खेल मैदान और पानी के आरओ सिस्टम के लिए पांच-पांच लाख का बजट आवंटित हुआ है। नया बजट आवंटन होने के साथ ही कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। फिलहाल जिन थानों में दो टॉयलेट हैं, उनमें से एक महिलाओं के लिए आरक्षित किया जा रहा है।
– अमित सिंह, एसपी, रतलाम।

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