पीने के पानी की टंकी खराब है और सफाई नहीं हो रही है तो लेटबाथ की लाइट बंद है, दरवाजे टूटे-फूटे, अधीक्षक और चपरासी की मनमानी से सभी परेशान हैं। आदिवासी छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि यदि जिले के अनुसूचित जाति, जनजाति छात्रावासों की समस्याओं का निराकरण नहीं होता है तो छात्र संगठन उग्र आंदोलन करेगा। इस दौरान आदिवासी छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष दिनेश माल, आदिवासी छात्र संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ध्यानवीर डामोर, जिला उपाध्यक्ष गोपाल मईडा, पिंटू मुनिया, पिंकेश कटारा, मुकेश देवड़ा, ईश्वर मेडा, सुनील मालीवाड़, नानासिंह, ईश्वर भाबर, दिनेश कतीजा, गणपत डामोर, देवचंद्र डोडियार आदि उपस्थित रहे।