scriptस्टेशन पर ट्रैक के नीचे रबडपैड़ लगाकर चलाई जा रही ट्रेनें | Trains being run by putting rubber trees under the track at the statio | Patrika News

स्टेशन पर ट्रैक के नीचे रबडपैड़ लगाकर चलाई जा रही ट्रेनें

locationरतलामPublished: Dec 02, 2017 10:53:28 am

Submitted by:

harinath dwivedi

हादसों से नहीं लेते हैं सबक…स्टेशन की १२ लाइन में लगे हुए है रबड़पैड़

ratlam railway
रतलाम। मंडल रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर यार्ड से लेकर प्लेटफॉर्म व विभिन्न ट्रैक पर आए दिन पटरियों से उतरते यात्री डिब्बों की घटनाओं के बाद भी सबक नहीं लिया जा रहा है। रखरखाव करने वाला इंजीनियरिंग विभाग ने पटरियों पर लगे हुए स्लीपर के नीचे रबड़पैड लगा रखा है। असल में जुगाड़ करवाकर यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालकर ट्रेने चलाई जा रही है।
मंडल में ट्रैक, इंजीनियरिंग, संरक्षा से लेकर परिचालन विभाग के अधिकारियों को इस बारे में पता है कि स्लीपर के नीचे रबड़पैड लगे हुए है। लेकिन सबकुछ जानकर भी जिम्मेदार अनजान बने हुए है। असल में मंडल में ट्रैक के रखरखाव की जवाबदेही इंजीनियरिंग विभाग की रहती है। ये विभाग रखरखाव को कितना गंभीरता से ले रहा है, वो इस जुगाड़ से पता चल जाता है कि पटरियों के नीचे स्लीपर को संभालने के लिए रबडपैड लगे हुए है। हाालाकि जब ट्रैक पर लगे किसी स्लीपर में किसी प्रकार की गड़बड़ी होती है तो इसी तरह से रबड़ लगाकर काम चलाया जा रहा है।
१५ किमी प्रतिघंटे का कॉशन आर्डर

ये बात मंडल मुख्यालय में बैठे परिचालन व संरक्षा विभाग के अधिकारी भी जानते है, इसलिए ट्रेन को १५ किमी प्रति घंटे का कॉशन आर्डर दे रखा है। इसका मतलब होता है कि यहां ट्रेन की अधिकतम गति १५ किमी की रहती है। एेसा तब होता है जब ट्रैक में खराबी हो या फिर उसको जुगाड़ से चलाया जा रहा हो। मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के एक अधिकारी के अनुसार इस बारे में जानकारी है, लेकिन रबड़पैड लगाना मजबूरी है। इसके अलावा फिलहाल कोई ओर रास्ता भी स्लीपर को टिकाए रखने के लिए नहंी दिखता। जबकि करीब के कोटा या बड़ोदरा मंडल की बात करे तो यहां पर इस प्रकार के रबड़पैड नहीं लगाए जा रहे है।
प्रतिदिन १८० से अधिक ट्रेन

मंडल मुख्यालय में इस जुगाड़ वाले ट्रैक से प्रतिदिन कम से कम ९० यात्री व इतनी ही मालगाड़ी ट्रेन निकलती है। इन दोनों को आने पर गति कम करने को कह दिया जाता है। इसकी वजह इस ट्रैक का जुगाडू होना है। एक स्लीपर के नीचे दो रबड़पैड लगाए गए है। प्रत्येक की कीमत करीब ८०-९० रुपए है। अकेले रतलाम रेलवे स्टेशन की बात करे तो यहां की १२ लाइन में करीब ५०० से अधिक रबड़पैड लगे हुए है।
जानकारी ली जाएगी

इस मामले में अब तक न तो किसी ने शिकायत की है न कोई जानकारी सामने आई है। अगर एेसा है तो इस मामले में पहले जानकारी ली जाएगी। इसके बाद जरूरी निर्देश वरिष्ठ अधिकारी देंगे।
जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल
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