रतलाम ट्रॉसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप छिपानी ने बताया कि वर्तमान में एसोसिएशन के इंदौर रीजन के तहत यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा है। शनिवार को रतलाम व इंदौर से एक भी वाहन लोड नहीं हुआ है। इसके चलते इसका असर सोमवार के बाद दिखाई देगा। ट्रॉसपोर्टरों की हड़ताल के बाद भी सरकार का अभी तक सकारात्मक रुख सामने नहीं आया है। अगर यह हड़ताल लंबी चलती है त्योहारी सीजन में माल का परिवहन नहीं होने से आने वाले दिनों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कारोबारियों के अनुसार इस हड़ताल का असर आने वाले एक दो दिन में दिखाई देगा, क्योंकि पांच अक्टूबर को कोई वाहन लोडिंग-अनलोडिंग नहीं हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा प्रभाव पेट्रोल-डीजल व केरोसिन के परिवहन पर पड़ेगा, क्योंकि डीपो से प्रतिदिन करीब 125- 150 टैंकरों का परिवहन होता है। पेट्रोल-डीजल टैंकर ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद अग्रवाल के अनुसार शनिवार डीलरों के 20-25 टैंकर भर पाए है। शेष करीब 100 टैंकर हड़ताल के चलते नहीं भर पाए हैं। इसका असर मंगलवार के बाद दिखाई देगा। वहीं, करीब 200 ट्रक व लोडिंग वाहनों के चक्के भी थम गए है।
इस तरह हड़ताल का असर
– प्रतिदिन रतलाम व इंदौर के बीच 15-15 वाहनों का आवागमन होता है जो किराना सहित अन्य सामान लेकर आते हैं। रतलाम से सामान अन्य स्थानों के लिए जाता है।
– जिले के आईओसी डीपो से प्रतिदिन 100 टैंकरों के माध्यम से पेट्रोल-डीजल, केरोसिन आदि का परिवहन होता है, इसमें भी कमी दर्ज की गई है।
्रै- ट्रॉसपोर्टर, कर्मचारी व माल को लोड-अनलोड करने वाले मजदूर हाथ पर हाथ धरे बैठे है। सबसे ज्यादा मुश्किल मजदूरों की हो रही है। काम नहीं मिलने पर मजदूरी नहीं मिल पाएगी।
ये प्रभाव भी हुआ
– 30 वाहनों का भाड़ा-4.50 लाख
– ट्रकों से परिवहन होने वाले सामान की कीमत-3 करोड़
100 टैंकरों से परिवहन होने वाले पेट्रोल-डीजल की कीमत-8.40 करोड़
– लोडिंग-अनलोडिंग की मजदूरी-दो से ढाई लाख
– प्रतिदिन रतलाम व इंदौर के बीच 15-15 वाहनों का आवागमन होता है जो किराना सहित अन्य सामान लेकर आते हैं। रतलाम से सामान अन्य स्थानों के लिए जाता है।
– जिले के आईओसी डीपो से प्रतिदिन 100 टैंकरों के माध्यम से पेट्रोल-डीजल, केरोसिन आदि का परिवहन होता है, इसमें भी कमी दर्ज की गई है।
्रै- ट्रॉसपोर्टर, कर्मचारी व माल को लोड-अनलोड करने वाले मजदूर हाथ पर हाथ धरे बैठे है। सबसे ज्यादा मुश्किल मजदूरों की हो रही है। काम नहीं मिलने पर मजदूरी नहीं मिल पाएगी।
ये प्रभाव भी हुआ
– 30 वाहनों का भाड़ा-4.50 लाख
– ट्रकों से परिवहन होने वाले सामान की कीमत-3 करोड़
100 टैंकरों से परिवहन होने वाले पेट्रोल-डीजल की कीमत-8.40 करोड़
– लोडिंग-अनलोडिंग की मजदूरी-दो से ढाई लाख