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रजनीगंधा है इस गांव की पहचान

locationरतलामPublished: Jun 13, 2016 11:59:00 pm

Submitted by:

vikram ahirwar

– जिले के गांव झरखेड़ी में रजनीगंधा से महकती है गलियां

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रतलाम। रजनीगंधा का नाम सुनते ही एक ऐसी कल्पना साकार हो उठती है, जिसकी महज दिलो-दिमाग पर छा जाती है, पर इसके लिए मोटी कीमत चुकाना पड़ती है। दरअसल, बाजार में रजनीगंधा महक के परफ्यूम और डीयो महंगे है, लेकिन रतलाम जिले का ग्राम झरखेड़ी इस मायने में अलग हैं। यहां गलियां रजनीगंधा की खुशबू से महकती है।
 गांव झरखेड़ी में आपका स्वागत रजनीगंधा की महक से होगा। गर्मी के दिनों में तो यह चरम पर रहती है। खासकर शाम को। यहां से रजनीगंधा फूल कई बड़े शहरों में भेजे जा रहे हैं। झरखेड़ी में पांच साल पहले तक किसान खेती कर इतना खास नहीं कमा पाते थे। गांव के युवा किसान अशोक ने पांच साल पहले रजनीगंधा की खेती शुरू की। इसके बाद अब कई किसान इसे अपना चुके हैं। गांव के जितने किसानों ने रजनीगंधा की खेती को अपनाया है वे आर्थिक संपन्नता की ओर भी बढऩे लगे हैं। इस गांव की आबादी 1428 है। इनमें 760 पुरुष व 638 महिलाएं हैं।
एक लाख तक हो रही कमाई
 किसानों का कहना है कि रजनीगंधा को एक बार लगाने पर पर चार से पांच महीने में फूल आने लगते हैं। किसानों ने चार महीने में रजनीगंधा की खेती से एक लाख रुपए तक कमाए हैं। किसान गेहूं या सोयाबीन की खेती करता तो ज्यादा से ज्यादा 12 से 15 हजार रुपए ही मिलते। गांव के सदाशीव कहते हैं रजनीगंधा 30 से 100 रुपए किलो तक बिक जाता है।

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