बता दे कि रेलवे ने 22.96 किमी लंबे इस ट्रैक को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। बाद में इंजीनियरिंग विभाग को इसकी जरुरत पड़ी व अहमियत समझते हुए इसके लिए धन राशि आलोट-उज्जैन सांसद ने दिलवाई। इंदौर सांसद व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी कई बार रेल मंत्री से बात की। वर्ष 2017-18 के बजट में इसके लिए 104.82 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई।
ये काम हो रहा है यहां
इस रेलवे ट्रैक पर 4 बडे़ ब्रिज व 25 छोटे ब्रिज का काम तेजी से चल रहा है। इन में से कुछ तो बनकर तैयार भी हो गए है। इसके अलावा फतेहाबाद के रास्ते उज्जैन तक रेल लाइन डालने का कार्य 80 प्रतिशत पूरा हो गया है। चिंतामण गणेश व लाकोदा रेलवे स्टेशन उज्जैन व फतेहाबाद के बीच बनना है। इसके लिए बेस तैयार हो गया है। इतना ही नहीं इस रेल मार्ग पर आने वाले दो रेल फाटक के अलावा 6 अंडरब्रिज का काम भी अब अंतिम चरण में है। इसके अलावा दोनों रेलवे स्टेशन पर एफओबी आने वाले दिनों मंे बनेंगे।
इस रेलवे ट्रैक पर 4 बडे़ ब्रिज व 25 छोटे ब्रिज का काम तेजी से चल रहा है। इन में से कुछ तो बनकर तैयार भी हो गए है। इसके अलावा फतेहाबाद के रास्ते उज्जैन तक रेल लाइन डालने का कार्य 80 प्रतिशत पूरा हो गया है। चिंतामण गणेश व लाकोदा रेलवे स्टेशन उज्जैन व फतेहाबाद के बीच बनना है। इसके लिए बेस तैयार हो गया है। इतना ही नहीं इस रेल मार्ग पर आने वाले दो रेल फाटक के अलावा 6 अंडरब्रिज का काम भी अब अंतिम चरण में है। इसके अलावा दोनों रेलवे स्टेशन पर एफओबी आने वाले दिनों मंे बनेंगे।
यात्रियों को होगा लाभ
असल में इस समय उज्जैन-नागदा सेक्शन में १३५ प्रतिशत रेल यातायात है। इस रेल यातायात को कम करने के प्रयास में रेलवे फेल हो गया, क्योकि लगातार साप्ताहिक से लेकर दैनिक ट्रेन की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है। इससे अब उज्जैन से फतेहाबाद के रास्ते रतलाम व इंदौर आने के नए रेल मार्ग का उपयोग करने से रेलवे को भी लाभ होगा। इससे इस समय इंदौर देवास उज्जैन के बीच जो 60 किमी से अधिक की रेल मार्ग की दूरी है वो नए रेल मार्ग से कम हो जाएगी। भोपाल से उज्जैन आने वाली ट्रेन कम समय में रतलाम आ पाएगी। रेलवे के अनुसार बारिश बाद नई ट्रेन व अन्य ट्रेन के मार्ग में परिवर्तन इस सेक्शन से हो पाएगा।
असल में इस समय उज्जैन-नागदा सेक्शन में १३५ प्रतिशत रेल यातायात है। इस रेल यातायात को कम करने के प्रयास में रेलवे फेल हो गया, क्योकि लगातार साप्ताहिक से लेकर दैनिक ट्रेन की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है। इससे अब उज्जैन से फतेहाबाद के रास्ते रतलाम व इंदौर आने के नए रेल मार्ग का उपयोग करने से रेलवे को भी लाभ होगा। इससे इस समय इंदौर देवास उज्जैन के बीच जो 60 किमी से अधिक की रेल मार्ग की दूरी है वो नए रेल मार्ग से कम हो जाएगी। भोपाल से उज्जैन आने वाली ट्रेन कम समय में रतलाम आ पाएगी। रेलवे के अनुसार बारिश बाद नई ट्रेन व अन्य ट्रेन के मार्ग में परिवर्तन इस सेक्शन से हो पाएगा।
तेजी से चल रहा काम
उज्जैन फतेहााबाद रेल मार्ग पर तेजी से काम चल रहा है। दिसंबर तक का लक्ष्य है, लेकिन जून माह तक इंजीनियरिंग विभाग से जुडे़ कार्य हो जाएंगे। सब कुछ सही रहा तो बारिश बाद इस रेल मार्ग पर ट्रेन चलना शुरू हो जाएगी।
उज्जैन फतेहााबाद रेल मार्ग पर तेजी से काम चल रहा है। दिसंबर तक का लक्ष्य है, लेकिन जून माह तक इंजीनियरिंग विभाग से जुडे़ कार्य हो जाएंगे। सब कुछ सही रहा तो बारिश बाद इस रेल मार्ग पर ट्रेन चलना शुरू हो जाएगी।
– आरएन सुनकर, डीआरएम