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Ukraine-Russia War; भारतीय छात्रों के सामने दहला यूक्रेन

locationरतलामPublished: Feb 25, 2022 01:14:21 am

Submitted by:

sachin trivedi

बोले छात्र…पहले तेज धमाका हुआ, फिर फैल गया काला धुआं, धमाके की आवाज सुनते ही मची भागदौड़

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शाजापुर. तीसरे विश्व युद्ध की आशंका के बीच रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया है। यूक्रेन की राजधानी कीव सहित अन्य शहरों में मिसाइल और टैंकों से बरसते गोलों के बीच भारतीय छात्र भी फंस गए हैं। गुरुवार को मध्यप्रदेश के शाजापुर की रहने वाली खुशी दुबे ने कीव में एयरपोर्ट पर हुए मिसाइल हमले को अपनी आंखों से देखा। भारत वापसी के लिए फ्लाइट लेने पहुंची खुशी जब एयरपोर्ट पहुंची तो इसी दौरान एक मिसाइल आ गिरी। चारों तरफ भागदौड़ मच गई और यूक्रेनी सेना ने सभी लोगों को एयरपोर्ट से बाहर कर दिया।

…बिजली बंद, छा गया काला धुआं
एयरपोर्ट पर सबकुछ ठीक था मैं और हमारे कुछ साथी फ्लाइट के लिए वेटिंग रूम में थे। रूस की सेना के हमले की सूचना मिल गई थी तो मन काफी घबरा रहा था, इसी दौरान अचानक एक मिसाइल एयरपोर्ट के एक हिस्से की ओर गिरी, हम कुछ समझ पाते उसके पहले बिजली फाल्ट होने लग गया और लोग इधर-उधर भागने लगे। हमने भी सामान उठाया और बाहर कैंपस की ओर आ गए। यहां यूक्रेनी सेना पहुंच गई थी तो सभी को तत्काल एयरपोर्ट से बाहर कर दिया गया। भागदौड़ में साथ वाले कई लोग छूट गए। मैंने बाहर आकर परिवार को जानकारी दी और कुछ लोगों के साथ बस स्टैंड की ओर चले गए। यहां से किसी सुरक्षित जगह जाने के लिए हम करीब 50 लोग प्रयास में जुटे हुए हैं।

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IMAGE CREDIT: patrika

…कीव बस स्टैंड पर फंसी खुशी
खुशी के पिता शेरू दुबे ने बताया कि बेटी वर्ष 2019 से यूक्रेन में एमबीबीएस कर रही है, हमने उसे लाने के प्रयास किए लेकिन युद्ध से पहले सफल नहीं हो पाए। 22 फरवरी को खुशी को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट से स्वदेश लौटना था, लेकिन के्रेडिट कार्ड से टिकट होने के कारण 24 फरवरी को बुकिंग हो पाई। बेटी ने फ्लाइट के लिए जेफ्रोजिया से 10 घंटे का सफर किया और सुबह कीव एयरपोर्ट पहुंची थी, इसी दौरान वहां मिसाइल हमला हो गया। बेटी अब कीव के बस स्टैंड पर फंसी है, सरकार से मदद मांग रहे है।

राजवीर होस्टल में फंसा, बाहर नहीं निकल सके
शाजापुर की आदर्श कॉलोनी के प्रतापसिंह गोहिल के पुत्र राजवीरसिंह गोहिल भी यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गए हैं। गुरूवार को राजवीर ने पिता से वीडियो कॉल पर बात की। बताया कि होस्टल में रूके हुए है, बाहर निकलने जैसे हालात नहीं है। स्वदेश वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सरकार की बिना मदद के नहीं हो सकता।

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