कोरोना के बाद जब वैक्सीन आई तो इसके लिए जागृति का विशेष अभियान चलाया गया। इस दौरान जिला अस्पताल के साथ - साथ अन्य स्थान पर वैक्सीनेशन किया गया। इसके प्रति आमजन में रुचि भी रही। इसके लिए लक्ष्य दिए गए उसको प्राप्त करने के लिए सरकारी मिशनरी लगी रही। यहां तक की प्रतिदिन के डाटा लिए गए।
कई की रही मेहनत
वैक्सीनेशन के काम को पूरा कराने में जहां अंागनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, उषा कार्यकर्ता की मेहनत जमीनी स्तर पर सबसे अधिक रही, वहीं अस्पताल के कर्मचारियों के योगदान को भी भूलाया नहीं जा सकता है। इतना ही नहीं जिला स्तर पर अधिकारियों ने समन्वय बनाकर जिले में वैक्सीनेशन को सफल बनाया।
वैक्सीनेशन के काम को पूरा कराने में जहां अंागनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, उषा कार्यकर्ता की मेहनत जमीनी स्तर पर सबसे अधिक रही, वहीं अस्पताल के कर्मचारियों के योगदान को भी भूलाया नहीं जा सकता है। इतना ही नहीं जिला स्तर पर अधिकारियों ने समन्वय बनाकर जिले में वैक्सीनेशन को सफल बनाया।
इसलिए मिली जिले को सफलता
वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने के लिए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने प्रतिदिन समीक्षा बैठक भी की। इससे लाभ यह हुआ कि लक्ष्य पूरा कराने की चुनौती में जिले को सफलता मिली और प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले रतलाम टॉप पर रहा।
वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने के लिए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने प्रतिदिन समीक्षा बैठक भी की। इससे लाभ यह हुआ कि लक्ष्य पूरा कराने की चुनौती में जिले को सफलता मिली और प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले रतलाम टॉप पर रहा।
अब 12 से 14 पर जाेर
टीकाकरण को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का अमला अब 12 से 14 वर्ष के बच्चों के टीका लगवाए जाने पर जोर दे रहा है। पहले दिन 28 हजार से अधिक बच्चों का लक्ष्य रखा गया था लेकिन 13 हजार से अधिक बच्चों को टीका लग सका था। वहीं 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण भी लगभग हो चुका है, जो बच्चे छूट गए है, उन्हे तलाशा जा रहा है।
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सभी की मेहनत रही शामिल
वैक्सीनेशन को पूरा कराने में सभी की मेहनत शामिल रही। यहां तक की कर्मचारियों को अतिरिक्त डोज भी लगाया गया है।
- डॉ. पी ननावरे, सीएमएचओ
टीकाकरण को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का अमला अब 12 से 14 वर्ष के बच्चों के टीका लगवाए जाने पर जोर दे रहा है। पहले दिन 28 हजार से अधिक बच्चों का लक्ष्य रखा गया था लेकिन 13 हजार से अधिक बच्चों को टीका लग सका था। वहीं 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण भी लगभग हो चुका है, जो बच्चे छूट गए है, उन्हे तलाशा जा रहा है।
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सभी की मेहनत रही शामिल
वैक्सीनेशन को पूरा कराने में सभी की मेहनत शामिल रही। यहां तक की कर्मचारियों को अतिरिक्त डोज भी लगाया गया है।
- डॉ. पी ननावरे, सीएमएचओ