उल्लेखनीय है कि गत दिवस मौसम की सबसे सर्द रही, यहां तक की पिछले सात साल का रिकार्ड भी टूट गया, जब पारा दिसंबर माह में सबसे कम 5.1 डिग्री पर पहुंच गया। जबकि दिन का तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस था। इसके पूर्व सबसे कम तापमान 26 दिसंबर 2015 में रात का पारा 5.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। सर्द मौसम की चपेट में मंदसौर-नीमच जिले भी आ गए है, जहां रात न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियस एवं अधिकतम 20 डिग्री पर पहुंच गया। जिससे लोग सुबह से शाम तक ऊनी वस्त्रों में दुबके नजर आए।
सर्द रात में कृषि उपज मंडी पहुंचाया किसानों को
मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को दिन और रात के तापमान में फिर से गिरावट दर्ज की गई। जिसके चलते लोग रात के बाद दिन में भी ऊनी वस्त्रों का सहारा लेते नजर आए। सैलाना बस स्टैंड स्थित लहसुन प्याज मंडी में रविवार को बंपर आवक के चलते लहसुन और प्याज से पूरा परिसर भर गया, जिसके चलते रात्रि 10 बजे पहुंचे किसानों को पुन: अनाज मंडी पहुंचाया गया। सर्द रात में ठिठुरते हुए किसान सब्जी मंडी से अनाज मंडी के मध्य तक रात्रि में आते-जाते नजर आए प्याज लेकर पहुंचे।
मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को दिन और रात के तापमान में फिर से गिरावट दर्ज की गई। जिसके चलते लोग रात के बाद दिन में भी ऊनी वस्त्रों का सहारा लेते नजर आए। सैलाना बस स्टैंड स्थित लहसुन प्याज मंडी में रविवार को बंपर आवक के चलते लहसुन और प्याज से पूरा परिसर भर गया, जिसके चलते रात्रि 10 बजे पहुंचे किसानों को पुन: अनाज मंडी पहुंचाया गया। सर्द रात में ठिठुरते हुए किसान सब्जी मंडी से अनाज मंडी के मध्य तक रात्रि में आते-जाते नजर आए प्याज लेकर पहुंचे।
किसानों का कहना
अंबाराम पाटीदार दिनेश ट्रेक्टर ड्राइवर बिहारी लाल आदि किसानों का कहना था कि मंडी प्रशासन के पास व्यवस्था नहीं है और किसान रात्रि में भटकने को मजबूर है। यहां पर भी बिस्तर और विश्रामगृह भी नहीं होने के कारण रात्रि में किसान यहां वहां भटकने को मजबूर है। मंडी प्रशासन के पास व्यवस्था नहीं है और ना ही जगह है किसान रात भर परेशान होते रहेंगे। यहां तक की जो किसान रात्रि में उपज लेकर पहुंचे उनके के लिए गेट बंद कर दिए गए और पुन: कृषि उपज मंडी पहुंचाया गया।
अंबाराम पाटीदार दिनेश ट्रेक्टर ड्राइवर बिहारी लाल आदि किसानों का कहना था कि मंडी प्रशासन के पास व्यवस्था नहीं है और किसान रात्रि में भटकने को मजबूर है। यहां पर भी बिस्तर और विश्रामगृह भी नहीं होने के कारण रात्रि में किसान यहां वहां भटकने को मजबूर है। मंडी प्रशासन के पास व्यवस्था नहीं है और ना ही जगह है किसान रात भर परेशान होते रहेंगे। यहां तक की जो किसान रात्रि में उपज लेकर पहुंचे उनके के लिए गेट बंद कर दिए गए और पुन: कृषि उपज मंडी पहुंचाया गया।