गुरुवार की देर शाम को ऊंटवाल की पार्थिव देह दिल्ली से विशेष विमान से इंदौर लाई गई थी। उनकी पार्थिव देह इंदौर से उज्जैन, आगर-मालवा होते हुए गृहग्राम आलोट ले गए। विधायक ऊंटवाल का मालवा के जिलो से गहरा नाता रहा है। वे देवास-शाजापुर सीट से सांसद, रतलाम जिले के आलोट से 3 बार विधायक रहे है। वे वर्तमान में आगर विधानसभा सीट से दूसरी मर्तबा विधायक एवं पार्टी में बड़े दलित नेता थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और अन्य बड़े नेताओं ने ऊंटवाल के निधन पर शोक व्यक्त किया। अंतिम यात्रा में मालवा के प्रमुख जिलों की विधानसभाओं से जुड़े भाजपा के विधायकों के साथ ही कांग्रेस के कई विधायक और प्रदेश के पदाधिकारी शामिल हुए।
6 जनवरी को एक कार्यक्रम में जाने से पहले ऊंटवाल के सिर में दर्द हुआ और उपचार के लिए इंदौर के चोइथराम अस्पताल लाए थे। 8 जनवरी को इंदौर स्थित वेदांता अस्पताल में विधायक को भर्ती किया गया, जहां ब्रेन से संबंधित सर्जरी की गई। इसके बाद से उनकी स्थिति में सुधार नहीं होने पर एयरलिफ्ट कर मेदांता अस्पताल गुडग़ांव ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान 30 जनवरी की अल सुबह उनका निधन हो गया।
19 जुलाई 1966 में धार जिले के बदनावर में जन्मे मनोहर ऊंटवाल पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहे। वे 1988 से 2020 के बीच पांच बार विधायक रहे। 1994 में पार्षद का चुनाव जीतकर उन्होंने अपना राजनीतिक कॅरियर शुरू किया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में देवास संसदीय सीट से सांसद थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें आगर-मालवा से टिकट दिया था। ऊंटवाल भाजपा के कद्दावर नेता थे। शिवराज मंत्रिमंडल में मंत्री भी रहे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटियां और एक बेटा है।