डॉक्टर वार्ड में मरीज देखने गए
दोपहर करीब साढ़े १२ बजे यह नजारा जिला अस्पताल की सामान्य ओपीडी में दिखाई दिया। सुबह की जनरल ओपीडी में ड्यूटी डॉक्टर के रूप में पदस्थ डॉक्टर वार्ड में किसी अन्य मरीज को देखने गए थे। इंटर्न ने पूछने पर बताया कि डॉक्टर मरीज को देखने गए हैं। डॉक्टर वार्ड में मरीज को देखकर आने के दौरान इन इंटर्न ने करीब दो दर्जन मरीजों का देखते ही देखते इलाज करके रवाना कर दिया। इसके बाद भी कक्ष के बाहर मरीजों की लाइनें लगी हुई थी। दोपहर एक बजे तक डॉ. वार्ड से मरीज का इलाज कर नहीं लौटे थे।
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बिना पहचान पत्र के नहीं बैठ सकते
सुबह जनरल ओपीडी में जिस डॉक्टर की ड्यूटी थी वह वार्ड में मरीज को देखने गए थे। इंटर्न भी पूरी तरह पात्र हो तो ही मरीजों को देख सकते हैं। वे बिना अपना परिचय पत्र लगाए वहां बैठ नहीं सकते हैं। डॉक्टर हो तो उनकी निगरानी में जरुर सीखने के लिए बैठ सकते हैं किंतु वे स्वतंत्र रूप से दवाई गोली नहीं लिख सकते हैं। कौन थे यह पता करवाया जाएगा।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
दोपहर करीब साढ़े १२ बजे यह नजारा जिला अस्पताल की सामान्य ओपीडी में दिखाई दिया। सुबह की जनरल ओपीडी में ड्यूटी डॉक्टर के रूप में पदस्थ डॉक्टर वार्ड में किसी अन्य मरीज को देखने गए थे। इंटर्न ने पूछने पर बताया कि डॉक्टर मरीज को देखने गए हैं। डॉक्टर वार्ड में मरीज को देखकर आने के दौरान इन इंटर्न ने करीब दो दर्जन मरीजों का देखते ही देखते इलाज करके रवाना कर दिया। इसके बाद भी कक्ष के बाहर मरीजों की लाइनें लगी हुई थी। दोपहर एक बजे तक डॉ. वार्ड से मरीज का इलाज कर नहीं लौटे थे।
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बिना पहचान पत्र के नहीं बैठ सकते
सुबह जनरल ओपीडी में जिस डॉक्टर की ड्यूटी थी वह वार्ड में मरीज को देखने गए थे। इंटर्न भी पूरी तरह पात्र हो तो ही मरीजों को देख सकते हैं। वे बिना अपना परिचय पत्र लगाए वहां बैठ नहीं सकते हैं। डॉक्टर हो तो उनकी निगरानी में जरुर सीखने के लिए बैठ सकते हैं किंतु वे स्वतंत्र रूप से दवाई गोली नहीं लिख सकते हैं। कौन थे यह पता करवाया जाएगा।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल