कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शनिवार को राजस्व अधिकारियों की बैठक आयोजित की। बैठक में लोकसेवा केंद्र व्यवस्था में सुधार के साथ - साथ तहसीलदारों को बेहतर काम नहीं करने पर फटकार लगाई गई। कलेक्टर ने कहा कि जिले के लोक सेवा केंद्रों के संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। केंद्र तहसीलदारों के अधीन होते हैं। तहसीलदार ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं, लोक सेवा केंद्रों की व्यवस्थाओं में जन आकांक्षाओं के अनुरूप सुधार किया जाए। सभी संबंधित तहसीलदारों के प्रतिशत से नाराजगी व्यक्त की गई। इस संबंध में लोक सेवा प्रबंधक के प्रति भी कलेक्टर नाराज हुए।
इन काम की हुई समीक्षा बैठक में धारणा अधिकार, स्वामित्व योजना की समीक्षा की भूमि आवंटन के लंबित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर द्वारा तहसीलदारों के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि शासन के विभिन्न विभागों को उनके भवनों के निर्माण हेतु राजस्व अधिकारियों द्वारा भूमि आवंटित की जाती है। इस संबंध में कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि 1 अप्रैल के पूर्व के अब तक जिन तहसीलदारों के भूमि आवंटन प्रकरण लंबित हैं उनकी दो दो वेतन वृद्धि रोकी जाएगी व उनको शोकाज नोटिस दिया जाएगा।
इस काम की भी हुई समीक्षा कलेक्टर ने वनाधिकार अधिनियम के तहत आदिवासी हितग्राहियों को भूमि पट्टा वितरण की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में आय करदाताओं से निधि की वसूली की समीक्षा भी की गई। आधार कार्ड में इंग्लिश नेम करेक्शन पेंडेंसी की समीक्षा करते हुए अत्यधिक कमजोर प्रगति पाए जाने पर अधिकतर तहसीलदारों को फटकार लगाई गई।
जिला सहकारी बैंक के प्रशासक बने कलेक्टर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शनिवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रशासक का पदभार संभाल लिया। इस दौरान कलेक्टर ने बैंक की कार्य पद्धति की जानकारी ली। इस दौरान बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आलोक जैन, उप पंजीयक सहकारिता एसके सिंह तथा बैंक के प्रबंधक गण तथा कर्मचारी गण उपस्थित थे। इस दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अपनी गतिविधियों का और अधिक विस्तार करें। आधुनिकीकरण की दिशा में सतत आगे बढ़े। बैंकिंग सेवाओं के जरिए ग्राहकों को आकर्षित करें। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की जिले में 22 शाखाएं व 102 सहकारी संस्थाएं कार्यरत हैं।