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मान्यता ऐसी…की दौड़ी चली आती नि:संतान महिलाएं

locationरतलामPublished: Mar 06, 2019 11:18:13 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

मान्यता ऐसी…की दौड़ी चली आती नि:संतान महिलाएं

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मान्यता ऐसी…की दौड़ी चली आती नि:संतान महिलाएं

रतलाम। जन जन की आस्था का केंद्र बन चुके बिलपांक स्थित प्राचीन विरूपाक्ष महादेव मंदिर पर बुधवार को हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ खीर प्रसादी ग्रहण करने के लिए उमड़ पड़ी। सुबह से देर रात तक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध पहुंचकर भोलेनाथ के दर्शन वंदन कर प्रसादी लाभ लिया। प्राचीन मान्यताअनुसार देश-विदेश से आई नि:संतान 20 हजार से अधिक महिलाओं ने हवन कुंड में तैयार खीर प्रसादी ग्रहण कर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद लिया।
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भोलेनाथ की कृपा से संतान प्राप्त हुई

इंदौर से आई रक्षा ने बताया कि विरूपाक्ष महादेव मंदिर पर संतान प्राप्ति के लिए खीर प्रसादी के बारे में कई सालों से सुन रखा था। इस साल मौका मिला इसलिए प्रसादी लेने आए है। रतलाम निवासी आनंद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पहुंचे थे। आनंद ने बताया कि खीर प्रसादी और भोलेनाथ की कृपा से संतान प्राप्त हुई, आज तुलादान करने आए थे। मंदिर समिति के अशोक पाटीदार ने बताया कि विरूपाक्ष महादेव मंदिर की दिन पर दिन ख्याती बढ़ती जा रही है। देश विदेश तक के श्रद्धालु आस्था लेकर मंदिर पहुंच रहे हैं और हर साल उनकी मनोकामना पूर्ण हो रही है। मंदिर परिसर में आम दर्शनार्थियों के लिए नुगदी और नि:संतान महिलाओं के लिए खीर प्रसादी का वितरण किया गया।
हर साल बड़ी रही भक्तों की संख्या
रमेश वैष्णोई ने बताया कि महाशिवरात्रि पर जहां १ लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन लाभ लिया था, वहां यज्ञ पूर्णाहुति पर 50 हजार से अधिक धर्मालु विरूपाक्ष के दर्शन वंदन के लिए पहुंचे। यहां संतान प्राप्ति के बाद तुलादान की भी परम्परा है, जिसका निर्वहन करने के लिए प्रदेश सहित अन्य राज्यों से 1200 बच्चों को लेकर माता-पिता मंदिर पहुंचे और अपनी-अपनी मान्यता अनुसार तुलादान कर प्रसादी का वितरण किया। इस पूरे कार्यक्रम में गांव के हर घर से सहयोग मिलता है और हर व्यक्ति सेवा के रूप में पूर्णाहुति तक तत्परता के साथ सेवा देता है। जिला और पुलिस प्रशासन भी मुस्तैदी से व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने में बराबर सहयोग किया, जिससे भक्तों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
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