जेल के बाहर हिंदू संगठनों के हंगामे का असर यह रहा कि जेल के सामने की सडक़ पर काफी देर तक जाम लगा रहा। वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई और लोग परेशान होते रहे। हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस बात पर अड़े रहे कि महिलाओं को अपने भाइयों की कलाई पर खुद ही राखी बांधने दी जाए। जेल प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं हुआ और सुबह से टेलीफोन कांफ्रेंस के जरिये बंदियों से उनकी बहनों की मुलाकात करवाना शुरू किया था जो हंगामे के दौरान भी चलता रहा।
इस समय शहर में लगातार और कभी रूक-रूक कर तेज बारिश का दौर चल रहा है। ऐसे में जेल परिसर में इतना बड़ा हाल या ऐसी जगह नहीं है जिससे सभी को एक जगह बैठाकर राखी बंधवाने का कार्यक्रम किया जा सके। पूर्व में बरामदे में यह कार्यक्रम कराया जाता रहा है। दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन का भी जेल प्रशासन हवाला दे रहा है। फिलहाल हिंदू संगठन से जुड़े कार्यकर्ता जेल के बाहर सडक़ पर मौजूद रहकर जेल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
जेल में निरुद्ध बंदियों की बहनों की भावनाओं को देखते हुए बंदियों से टेलीफोन कांफ्रेंस करवाकर बात करवाई जा रही है। उनसे अपने साथ लाई मिठाई, राखी और श्रीफल लेकर उनके सामने ही बंदी तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। यही ऊपर से भी निर्देश है। इसी अनुसार व्यवस्था की गई जो अच्छी चल रही है।
लक्ष्मणसिंह भदौरिया, सर्किल जेल अधीक्षक