पहले छूए पैर, फिर चार मुख और अष्टमुख तक शिवना का जल
इस वर्षाकाल में सबसे पहले शिवना के उफान ने पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया और प्रतिमा के चरण स्थल को छूकर लौट गई। इसके बाद दो दिन की तेज बारिश से शिवना नदी करीब 8 घंटे उफान रही और नदी की बाढ़ ने पशुपतिनाथ मंदिर में प्रवेश करते हुए पशुपतिनाथ के चार मुख छू लिए। इसके बाद भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई और 14 से 15 अगस्त के मध्य तेज बारिश के बाद शिवना ने फिर उफान के सहारे मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर लिया और अष्टमुखी प्रतिमा को फिर से जलमग्न कर दिया।
इस वर्षाकाल में सबसे पहले शिवना के उफान ने पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया और प्रतिमा के चरण स्थल को छूकर लौट गई। इसके बाद दो दिन की तेज बारिश से शिवना नदी करीब 8 घंटे उफान रही और नदी की बाढ़ ने पशुपतिनाथ मंदिर में प्रवेश करते हुए पशुपतिनाथ के चार मुख छू लिए। इसके बाद भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई और 14 से 15 अगस्त के मध्य तेज बारिश के बाद शिवना ने फिर उफान के सहारे मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर लिया और अष्टमुखी प्रतिमा को फिर से जलमग्न कर दिया।
अभी नहीं टला बाढ़ का खतरा, क्या रेकॉर्ड बार छूएगी शिवना
जानकारों की माने तो 26-27 अगस्त के मध्य की बारिश से शिवना का उफान अब तक जारी है और पशुपतिनाथ महादेव के मंदिर में शिवना ने 27 अगस्त को प्रतिमा को जलमग्न कर दिया था। बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है, शिवना में जल स्तर सामान्य नहीं हुआ है तो मौसम केन्द्र भी बारिश की संभावना जता रहा है, ऐसे में हो सकता है, शिवना नदी रेकॉर्ड पांचवीं बार एक ही वर्षाकाल के दौरान पशुपतिनाथ को छू सकती है।
जानकारों की माने तो 26-27 अगस्त के मध्य की बारिश से शिवना का उफान अब तक जारी है और पशुपतिनाथ महादेव के मंदिर में शिवना ने 27 अगस्त को प्रतिमा को जलमग्न कर दिया था। बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है, शिवना में जल स्तर सामान्य नहीं हुआ है तो मौसम केन्द्र भी बारिश की संभावना जता रहा है, ऐसे में हो सकता है, शिवना नदी रेकॉर्ड पांचवीं बार एक ही वर्षाकाल के दौरान पशुपतिनाथ को छू सकती है।