जगदीश व पूजा दोनों ने अपनी शादी को कुछ इस अंदाज में करने की ठानी कि उनकी शादी में आने वाले लोगों को एक अलग ही मैसेज जाए। इसके लिए उन्होने अपनी शादी में पांच तरह के संदेश दिए। यहां शादी में आए हर अतिथि के लिए यह अनुभव अब तक वह जिन आयोजनों में शामिल हुए थे, उससे पूरी तरह से अलग था।
यह संदेश नजर आए
विवाह समारोह के दौरान जिस मंच पर दूल्हा-दुल्हन मौजूद थे, वहीं पर इनके द्वारा स्वच्छता का संदेश देने के लिए शौचालय का मॉडल लगाया गया। इसके साथ ही एक पंगत एक संगत के तहत बफेट की जगह अतिथियों को पंगत में भोजन कराया गया। इसमें सभी जाति धर्म के लोगों ने एक साथ भोजन किया। इसके अतिरिक्त यहां भोजन को झूठा न छोडऩे से जुड़ा एक संदेश भी नजर आया जिसमें लिखा था कि उतना ही लो थाली में व्यर्थ ना जाए नाली में।
समाज को जोडऩे का प्रयास
वहीं सामाजिक समरसता के लिए पांडाल में जात-पात छोड़ो, भारत जोड़ो जैसे स्लोगन की तख्तियां भी लगी नजर आई। पूरे परिसर को प्लास्टिक डिस्पोजल ग्लास मुक्त रखा गया, पानी पीने के लिए यहां सभी ने लौटों का उपयोग किया गया। इसके अतिरिक्त विवाह में खर्च कम कर पांच हजार रुपए निर्धन की शिक्षा के लिए सेवा भारती रतलाम को भेंट किए।
सामाजिक क्षेत्र से जुड़े है
जन अभियान परिषद् के जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय ने बताया कि सामान्य परिवार से होने पर भी समाज को संदेश देने की पहल सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायी है। जगदीश स्वयं भी परिषद् से जुड़ा हुआ है। उसके विवाह समारोह में रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमेश मईड़ा, अशोक चौटाला, जन अभियान के परामर्शदाता सहित कई सामाजिक लोग उपस्थित हुए।
जन अभियान परिषद् के जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय ने बताया कि सामान्य परिवार से होने पर भी समाज को संदेश देने की पहल सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायी है। जगदीश स्वयं भी परिषद् से जुड़ा हुआ है। उसके विवाह समारोह में रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमेश मईड़ा, अशोक चौटाला, जन अभियान के परामर्शदाता सहित कई सामाजिक लोग उपस्थित हुए।