कलेक्टर ने समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि जाति प्रमाण पत्रों के अभाव में प्रकरण लंबित नहीं रहे। समस्त एसडीएम, तहसीलदार इस मामले में सक्रियता रखते हुए जाति प्रमाण पत्र जारी करवाएं। अजाक्स अध्यक्ष लश्करी ने बताया कि बैंकों में तीन हजार रुपए पर खाता खुलता है, कलेक्टर ने सभी एसडीएम के लिए निर्देश जारी किए कि एट्रोसिटी के मामलों में जीरो बैलेंस पर बैंक में खाता खुलवाया जाए ताकि संबंधित अजजा वर्ग का व्यक्ति परेशान नहीं हो और उसके खाते में राहत राशि आसानी से समय सीमा में पहुंचाई जा सके। इस संबंध में संबंधित बैंक मैनेजर को भी सूचित किया जाए।
एक माह में करें प्रकरणों का निराकरण
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि ट्राइबल कार्यालय में लंबित 63 प्रकरणों का निपटारा एक माह में कर दिया जाए। ट्राइबल अधिकारी को निर्देशित किया कि उनके कार्यालय में एक जिम्मेदार व्यक्ति को एट्रोसिटी मामलों में नियुक्त किया जाए जो समय सीमा में संपूर्ण कार्यवाही करें। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश भी कलेक्टर द्वारा दिए गए।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि ट्राइबल कार्यालय में लंबित 63 प्रकरणों का निपटारा एक माह में कर दिया जाए। ट्राइबल अधिकारी को निर्देशित किया कि उनके कार्यालय में एक जिम्मेदार व्यक्ति को एट्रोसिटी मामलों में नियुक्त किया जाए जो समय सीमा में संपूर्ण कार्यवाही करें। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश भी कलेक्टर द्वारा दिए गए।
जाति प्रमाण पत्र आना शेष
अभी 23 प्रकरण एक माह से कम अवधि के विवेचना में लंबित है। इसी प्रकार एक माह से 3 माह तक की अवधि के 16 तथा 3 माह से अधिक अवधि का एक प्रकरण विवेचना में लंबित है। अजाक पुलिस थाने में दर्ज 15 प्रकरणों में पीड़ित का जाति प्रमाण पत्र आना शेष है जिसके अभाव में प्रकरण लंबित है। विगत 1 जनवरी 2022 से 22 मार्च 2022 की अवधि के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति के 38 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, इनमें से 8 प्रकरणों में विवेचना पूर्ण कर ली गई है, लंबित 29 प्रकरण हैं।
अभी 23 प्रकरण एक माह से कम अवधि के विवेचना में लंबित है। इसी प्रकार एक माह से 3 माह तक की अवधि के 16 तथा 3 माह से अधिक अवधि का एक प्रकरण विवेचना में लंबित है। अजाक पुलिस थाने में दर्ज 15 प्रकरणों में पीड़ित का जाति प्रमाण पत्र आना शेष है जिसके अभाव में प्रकरण लंबित है। विगत 1 जनवरी 2022 से 22 मार्च 2022 की अवधि के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति के 38 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, इनमें से 8 प्रकरणों में विवेचना पूर्ण कर ली गई है, लंबित 29 प्रकरण हैं।
अनुसूचित जनजाति के 12 प्रकरण दर्ज
इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति के 12 प्रकरण दर्ज किए गए। इनमें से एक प्रकरण में विवेचना पूर्ण की गई है, 11 लंबित है। इसी प्रकार आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से राहत प्रकरणों की जानकारी में बताया गया कि अनुसूचित जाति के भेजे गए 17 प्रकरण सहायक आयुक्त के यहां लंबित है और जनजाति के 5 प्रकरण लंबित हैं। उक्त प्रकरण फरियादी के बैंक में खाता तथा जाति प्रमाण पत्र नहीं होने से लंबित है।
इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति के 12 प्रकरण दर्ज किए गए। इनमें से एक प्रकरण में विवेचना पूर्ण की गई है, 11 लंबित है। इसी प्रकार आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से राहत प्रकरणों की जानकारी में बताया गया कि अनुसूचित जाति के भेजे गए 17 प्रकरण सहायक आयुक्त के यहां लंबित है और जनजाति के 5 प्रकरण लंबित हैं। उक्त प्रकरण फरियादी के बैंक में खाता तथा जाति प्रमाण पत्र नहीं होने से लंबित है।