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पद्मभूषण आचार्यश्री बताएंगे ‘क्या बनना था और क्या बन गया

locationरतलामPublished: Apr 08, 2019 10:47:49 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

पद्मभूषण आचार्यश्री बताएंगे ‘क्या बनना था और क्या बन गया

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पद्मभूषण आचार्यश्री बताएंगे ‘क्या बनना था और क्या बन गया

रतलाम। पद्मभूषण, सरस्वतीलब्धप्रसाद आचार्य श्रीमद्विजय रत्नसुन्दर सूरीश्वर महाराज का करमदी तीर्थ में सोमवार को मंगल प्रवेश हुआ। महाराज का नगर में मंगल प्रवेश 9 अप्रैल को प्रात: होगा। इसके बाद सैलाना वालों की हवेली, मोहन टॉकीज पर प्रात: 8.30 बजे से 11 दिवसीय प्रवचनमाला का शुभारंभ होगा। पहले दिन आचार्यश्री ‘क्या बनना था, और क्या बन गयाÓ विषय पर प्रवचन देंगे। आचार्यश्री के श्रीमुख से रतलाम में 11 दिवसीय प्रवचनमाला का आयोजन होगा। इसके साथ ही कई अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
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श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ, गुजराती उपाश्रय एवं ऋषभदेव केशरीमल जैन श्वेताम्बर पेढ़ी रतलाम के तत्वावधान में इस वर्ष आचार्यश्री की निश्रा में प्रवचनमाला के साथ चैत्री ओलीजी आराधना, महावीर स्वामी जन्म कल्याणक एवं दीक्षा तिथि एवं आचार्य पदवी महोत्सव का आयोजन किया गया है। श्री संघ अध्यक्ष सुनील ललवानी, उपाध्यक्ष मुकेश जैन ने बताया कि 9 अप्रैल को आचार्यश्री प्रात: 5.30 बजे करमदी तीर्थ से विहार कर 6.15 बजे मोतीपुज्यजी मंदिर आएंगे।
11 दिवसीय प्रवचनमाला का शुभारंभ होगा
मंगल प्रवेश का जुलुस मोतीपुज्यजी मंदिर से प्रारंभ होकर चांदनीचौक, तोपखाना, बजाजखाना, नौलाईपुरा, घंास बाजार होते हुए आगमोधारक भवन, सेठजी बाजार उपाश्रय पहुंचेगा। प्रवेश पश्चात सैलाना वालों की हवेली, मोहन टॉकीज पर प्रात: 8.30 बजे से 11 दिवसीय प्रवचनमाला का शुभारंभ होगा। पहले दिन आचार्यश्री क्या बनना था, और क्या बन गया… विषय पर प्रवचन देंगे। 19 अप्रैल तक प्रतिदिन सुबह 8.30 बजे से 9.45 बजे तक यहीं प्रवचनमाला चलेगी। जिसमें विभिन्न विषयों पर प्रेरक मार्गदर्शन मिलेगा। प्रवचनमाला के दौरान 17 अप्रैल के प्रवचन महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के साथ जैन स्कूल पर होंगे।
आचार्यश्री की 52 वीं दीक्षा जयंती मनाई जाएगी
श्री संघ के तत्वावधान में 21 अप्रैल को आचार्यश्री की 52 वीं दीक्षा जयंती मनाई जाएगी, जबकि 28 अप्रैल को श्री युगसुंदरविजय महाराज की आचार्य पदवी का आयोजन भी होगा। श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ, गुजराती उपाश्रय एवं श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर पेढ़ी रतलाम ने धर्मप्रेमी नागरिकों से इस अवसर का अधिक से अधिक लाभ लेने का आग्रह किया है।
संसार में होती है वचनों की बड़ी माया-प्रवर्तकश्री
प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनि ने सोमवार को प्रवचन में वचन बुद्धि की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संसार में वचनों की बड़ी माया होती है, इसलिए इनका प्रयोग बहुत संभलकर करना चाहिए। सोमवार को मोहन बाग में कस्तुरबा नगर एवं मिल क्षेत्र श्री धर्मदास जैन श्री संघ के द्वारा आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपने मुंह से मान और बढ़ाई नहीं करना चाहिए। वचन बुद्धि का उपयोग करते हुए स्व प्रशंसा के साथ-साथ दूसरों के दोष नहीं देखना चाहिए। मन में हीन भावना के समय प्रसन्नता का भाव लाना चाहिए। कम बोलना सबके लिए हितकर होता है। क्रोध, लोभ, मोह, मान, माया, राग-द्वेष आदि कषायों से मुक्त होकर किया गया वचनों का प्रयोग सार्थक होता है। कभी-कभी मौन रहना भी बहुत लाभदायी हो सकता है। आंरभ में आदित्य मुनि ने विचार रखे। इस अवसर पर आगामी 16 अप्रैल को रतलाम में होने वाले दीक्षा महोत्सव पर भी प्रकाश डाला गया। कई धर्मावलंबियों ने तपस्या के प्रत्याख्यान ग्रहण लिए। संचालन प्रवीण खुणिया ने किया। इस दौरान श्री संघ के अध्यक्ष सुशील गादिया सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित थे।

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