इस प्रताडऩा से तंग आकर वह पति और बच्चे के साथ अलग रहने लगी। सास और ससुर ने उसे अपने मकान में तो हिस्सा दिया ही नहीं मंदिर का भी हिस्सा नहीं दिया। जिससे वह परेशान हो गई थी। अलग रहने के दौरान पति दीपक फिर से उससे मारपीट करने लगा तो बाद में वह पति को साथ लेकर अपने सास-ससुर के साथ ही रहने लगी। 13 जून 2011 को उसे केरोसीन डालकर सास ने जला दिया। मृत्यु पूर्व दिए बयान में कमलेश ने सास कमलाबाई द्वारा केरोसीन डालकर जलाने की बात कही थी। इसके बाद उसे इंदौर रैफर कर यिा गया था। 22 जून को इंदौर के एमवाय हास्पिटल में इलाज के दौरान कमलेश की मौत हो गई थी। इस पर पुलिस ने सास कमलाबाई पति राधेश्याम, दीपक पिता राधेश्याम निवासी महेशनगर, ननद रेखा पति राजेंद्र और ननदोई राजेंद्र पिता दुलीचंद निवासी सुभाषनगर के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया था। अपर सत्र न्यायाधीश तरुण सिंह ने सुनवाई के बाद पति और सास को सजा सुनाई है। कोर्ट ने सास कमलाबाई को धारा 302 में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए, धारा 498ए में तीन साल की सजा और पांच हजार रुपए जुर्माना लगाया है जबकि पति दीपक पर धारा 498ए में तीन साल की सजा और पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।