खुद रक्त के लिए भटके तो अब बना रहे राह
कंवलजीत कौर गंभीर ने बताया कि एक समय बीमार होने पर उन्हें रक्त की दरकार हुई तो परिवार वालों को परेशान होना पड़ा। करीब 14 बोतल रक्त के लिए काफी लोगों से संपर्क किया गया। उस समय कुछ मददगार आगे आए और कंवलजीत को रक्तदान कर जीवन दिया। अब कंवलजीत गंभीर खुद रक्तदाताओं की सूची से जुड़ गई और नियमित रक्तदान करती है। उन्होंने अपना व परिवार के सदस्यों का संपर्क नंबर भी जारी किया है।
कंवलजीत कौर गंभीर ने बताया कि एक समय बीमार होने पर उन्हें रक्त की दरकार हुई तो परिवार वालों को परेशान होना पड़ा। करीब 14 बोतल रक्त के लिए काफी लोगों से संपर्क किया गया। उस समय कुछ मददगार आगे आए और कंवलजीत को रक्तदान कर जीवन दिया। अब कंवलजीत गंभीर खुद रक्तदाताओं की सूची से जुड़ गई और नियमित रक्तदान करती है। उन्होंने अपना व परिवार के सदस्यों का संपर्क नंबर भी जारी किया है।
हर मंच पर रक्तदान के प्रति जागरूकता
कंवलजीत गंभीर का कहना है कि आज रक्तदान को लेकर और जागरूगक होने की आवश्यकता है। विशेषकर महिलाओं को रक्तदान के प्रति आगे आना होगा, क्योंकि सर्वाधिक रक्त की मांग महिलाओं से ही सामने आती है। हमे यह हमेशा याद रखना चाहिए, रक्तदान किसी की जान बचा सकता है, शरीर में रक्त की कमी नहीं होती, बल्कि रक्तदान से नया और ताजा रक्त फिर से बन जाता है।
कंवलजीत गंभीर का कहना है कि आज रक्तदान को लेकर और जागरूगक होने की आवश्यकता है। विशेषकर महिलाओं को रक्तदान के प्रति आगे आना होगा, क्योंकि सर्वाधिक रक्त की मांग महिलाओं से ही सामने आती है। हमे यह हमेशा याद रखना चाहिए, रक्तदान किसी की जान बचा सकता है, शरीर में रक्त की कमी नहीं होती, बल्कि रक्तदान से नया और ताजा रक्त फिर से बन जाता है।