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युवा चिकित्सक की मेहनत लाई रंग, एक दिन में 1500 लोगों की हो रही कोविड जांच

locationरतलामPublished: Jan 11, 2022 08:47:33 pm

Submitted by:

Sourabh Pathak

– कोरोना को हराने के लिए 24 घंटे काम कर रही मेडिकल कॉलेज की लैब, औपचारिक रूप से अस्पताल आज तक नहीं हुआ शुरू
 

युवा चिकित्सक की मेहनत लाई रंग, एक दिन में 1500 लोगों की हो रही कोविड जांच

युवा चिकित्सक की मेहनत लाई रंग, एक दिन में 1500 लोगों की हो रही कोविड जांच

रतलाम। मेडिकल कॉलेज के अस्पताल का भवन बनकर तैयार था। इसे शुरू करने के लिए साधन-संसाधन और स्टाफ की जरूरत थी। कुछ की पूर्ति हो गई थी तो कुछ प्रक्रियाधीन थी। इस बीच कोरोना नाम की महामारी ने दस्तक दी तो मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को अस्थाई रूप से कोविड अस्पताल के रूप में चालू कर दिया गया लेकिन जब बात आई कोविड जांच की तब महामारी के खतरे को जानते हुए भी रतलाम में आरटीपीसीआर मशीन की मांग की गई। मशीन आने के बाद इस पर काम करना काफी चुनौतीपूर्ण था जिसे मेडिकल कॉलेज के युवा चिकित्सक और माइक्रोबायलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रफुल्ल सोनगरा ने स्वीकार किया।
डॉ. सोनगरा के जिम्मे कोरोना जांच थी। आरटीपीसीआर मशीन जब आई तब दिनभर में महज 300 जांचे हो पाती थी जो कि बढ़ती मरीजों की संख्या के मुकाबले काफी कम थी लेकिन फिर भी अधूरे साधन-संसाधन और स्टाफ के साथ वह काम करते रहे। बाद में जब कोरोना का खतरा बढ़ता गया उस दौरान जांचे अधिक करने के लिए और आरटीपीसीआर मशीनों की मांग की गई थी जिसके बाद रतलाम में तीन मशीन और आ गई है जिनकी बदौलत एक दिन में होने वाली जांचों की संख्या 300 से बढ़कर 1500 के पार पहुंच गई है जो कि महामारी के इस दौर में किसी उपलब्धि से कम नहीं है।
100 प्रतिशत दे रहे परिणाम

रतलाम मेडिकल कॉलेज की कोविड लैब से 100 प्रतिशत सही परिणाम मिल रहे है। यह हम नहीं बल्कि एम्स की रिपोर्ट कह रही है। रतलाम की लैब में हुई जांच की गुणवत्ता क्या है इस बात का पता लगाने के लिए रेंडम पद्धति से सेंपल लेकर जांच के लिए एम्स भेजे जाते है और वहां से आई रिपोर्ट के आधार पर सही परिणामों की जानकारी मिलती है। बीते डेढ़ वर्ष से रतलाम मेडिकल कॉलेज से गए सेंपल में से अब तक कोई भी सेंपल की रिपोर्ट खराब नहीं पाई गई है। एम्स की लैब ने भी रतलाम में चल रही लैब के काम की सराहना की है।

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