कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिपं के अतिरिक्त सीईओ दिनेश वर्मा द्वारा की गई उन्हीं के कार्यालय के लेखापाल महेंद्र शर्मा की जांच रिपोर्ट देखने पर उसे संतोषप्रद नहीं पाया है। एेसे में कलेक्टर ने नए सिरे से मामले की जांच कराए जाने के आदेश जारी कर दिए है। प्रकरण जांच अब सैलाना एसडीएम रणजीत कुमार करेंगे। इसके लिए कलेक्टर ने उन्हे निर्देश भी जारी कर दिए है। कलेक्टर ने सैलाना एसडीएम को इस प्रकरण की जांच करने के लिए कुछ दिन पूर्व नियुक्त किया था, लेकिन उनका तबादला सैलाना हो जाने के चलते जांच होने से छूट गई थी।
गंभीर आरोप के बाद मिली थी क्लीन चिट
जिपं में सीईओ सोमेश मिश्रा के करीबी माने जाने वाले लेखापाल महेंद्र शर्मा पर कई प्रकार के गंभीर आरोप लगे थे। उनकी शिकायत जिला कलेक्टर, प्रभारी मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर पीएमओ तक पहुंच गई थी। मामला तूल पकडऩे पर कलेक्टर के लंबी अवधि के अवकाश पर जाने के दौरान जिपं सीईओ प्रभारी कलेक्टर बन गए थे। उस दौरान उनके द्वारा करीबी की जांच के लिए अपने अधिनिस्थ अतिरिक्त सीईओ को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है, जिनके द्वारा प्रकरण में शर्मा को क्लीन चिट दे दी गई थी।
जिपं में सीईओ सोमेश मिश्रा के करीबी माने जाने वाले लेखापाल महेंद्र शर्मा पर कई प्रकार के गंभीर आरोप लगे थे। उनकी शिकायत जिला कलेक्टर, प्रभारी मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर पीएमओ तक पहुंच गई थी। मामला तूल पकडऩे पर कलेक्टर के लंबी अवधि के अवकाश पर जाने के दौरान जिपं सीईओ प्रभारी कलेक्टर बन गए थे। उस दौरान उनके द्वारा करीबी की जांच के लिए अपने अधिनिस्थ अतिरिक्त सीईओ को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है, जिनके द्वारा प्रकरण में शर्मा को क्लीन चिट दे दी गई थी।
कलेक्टर ने देखा तो फिर खुली फाइल
अवकाश से लौटने के बाद कलेक्टर को जब प्रकरण के संबंध में जानकारी मिली तो उनके द्वारा पूरे मामले की शिकायत व जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया गया। इसमें जांच के दौरान शर्मा को हर तरह के आरोपो से मुक्त कर दिया गया था। एेसे में कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट को संतोषप्रद नहीं माना और फिर से इस मामले में जांच बैठा दी। कलेक्टर द्वारा नए सिरे से जांच के निर्देश जारी किए जाने के बाद से मामला एक बार फिर से गरमा गया है।
अवकाश से लौटने के बाद कलेक्टर को जब प्रकरण के संबंध में जानकारी मिली तो उनके द्वारा पूरे मामले की शिकायत व जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया गया। इसमें जांच के दौरान शर्मा को हर तरह के आरोपो से मुक्त कर दिया गया था। एेसे में कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट को संतोषप्रद नहीं माना और फिर से इस मामले में जांच बैठा दी। कलेक्टर द्वारा नए सिरे से जांच के निर्देश जारी किए जाने के बाद से मामला एक बार फिर से गरमा गया है।
नहीं मिली जांच रिपोर्ट
– पूर्व की जांच रिपोर्ट में कुछ कमियां नजर आने के चलते नए सिरे से जांच कराई जा रही है। इसके लिए जांच अधिकारी भी अलग से नियुक्त किया है, जो कि पूरे प्रकरण में हर तथ्य की बारिकी से जांच कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रुचिका चौहान, कलेक्टर
– पूर्व की जांच रिपोर्ट में कुछ कमियां नजर आने के चलते नए सिरे से जांच कराई जा रही है। इसके लिए जांच अधिकारी भी अलग से नियुक्त किया है, जो कि पूरे प्रकरण में हर तथ्य की बारिकी से जांच कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रुचिका चौहान, कलेक्टर