इस मामले में दिया आदेश आयोग ने यह आदेश एम्मार एमजीएफ के खिलाफ चल रहे एक मामले में दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक खरीदार ने फ्लैट आवंटन में 36 महीने की देरी पर एम्मार एमजीएफ के खिलाफ आयोग का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में आयोग ने एम्मार एमजीएफ को खरीदार को 5 लाख रुपए के जुर्माने के साथ पूरी रकम वापस करने का आदेश दिया है। आयोग ने आदेश में कहा है कि कोई भी बिल्डर मनमाने तरीके से पजेशन देने में देरी नहीं कर सकता है। हालांकि, आयोग ने कहा कि कुछ वक्त के लिए टाली गई पजेशन प्रक्रिया को महत्व दिया जा सकता है।
खरीदारों की रेडी टू मूव में बढ़ी दिलचस्पी बिल्डर्स की ओर से पजेशन में देरी करने के कारण इस समय रियल एस्टेट बाजार में मंदी का दौर है। आलम यह है कि खरीदार अब रेडी टू मूव में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। एक सर्वे के अनुसार, करीब 49 फीसदी खरीदार रेडी टू मूव प्रॉपर्टी लेना ज्यादा पसंद करते हैं। सर्वे के अनुसार केवल 5 फीसदी लोग ही नए प्रोजेक्ट में निवेश करते हैं जबकि 46 फीसदी लोग एक साल के अंदर पूरा होने वाले प्रोजेक्ट में निवेश करते हैं।