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होम बायर्स के लिए खुशखबरी, पजेशन में देरी पर बिल्डर को देना ही होगा जुर्माना

locationनई दिल्लीPublished: Oct 15, 2018 02:40:45 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह एेतिहासिक आदेश सुनाया है।

Flat Buyer

होम बायर्स के लिए खुशखबरी, पजेशन में देरी पर बिल्डर को देना ही होगा जुर्माना

नई दिल्ली। घर खरीदने के लिए बिल्डर के साथ किए जाने वाले समझौता पत्र में प्रोजेक्ट में देरी पर बिल्डर की ओर से खरीदारों को 5 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से जुर्माना दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन बिल्डर इस प्रावधान का पालन नहीं कर रहा हैं। अधिकांश बिल्डर प्रोजेक्ट में जानबूझकर देरी करते हैं और घर खरीदारों को हर्जाना भी नहीं देते हैं। एेसे में खरीदारों को न तो घर मिलता है और न ही उन्हें हर्जाना मिलता है। एेसे में उनपर दोहरी मार पड़ती है। खरीदारों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग एक एेतिहासिक फैसला सुनाया है। आयोग ने कहा है कि अगर बिल्डर बिना किसी वजह से पजेशन देने में देरी करता है तो वह 5 रुपए वाले नियम की आड़ में नहीं बच सकता है। आयोग ने कहा है कि एेसी स्थिति में खरीदार बिल्डर अधिक हर्जाने की मांग कर सकते हैं और बिल्डर को यह रकम खरीदारी को देनी ही होगा। साथ ही पजेशन में देरी पर कोई खरीदार अपनी जमा राशि लेना चाहता है तो बिल्डर को हर्जाने के साथ यह जमा राशि देनी होगी।
इस मामले में दिया आदेश

आयोग ने यह आदेश एम्मार एमजीएफ के खिलाफ चल रहे एक मामले में दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक खरीदार ने फ्लैट आवंटन में 36 महीने की देरी पर एम्मार एमजीएफ के खिलाफ आयोग का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में आयोग ने एम्मार एमजीएफ को खरीदार को 5 लाख रुपए के जुर्माने के साथ पूरी रकम वापस करने का आदेश दिया है। आयोग ने आदेश में कहा है कि कोई भी बिल्डर मनमाने तरीके से पजेशन देने में देरी नहीं कर सकता है। हालांकि, आयोग ने कहा कि कुछ वक्त के लिए टाली गई पजेशन प्रक्रिया को महत्व दिया जा सकता है।
खरीदारों की रेडी टू मूव में बढ़ी दिलचस्पी

बिल्डर्स की ओर से पजेशन में देरी करने के कारण इस समय रियल एस्टेट बाजार में मंदी का दौर है। आलम यह है कि खरीदार अब रेडी टू मूव में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। एक सर्वे के अनुसार, करीब 49 फीसदी खरीदार रेडी टू मूव प्रॉपर्टी लेना ज्यादा पसंद करते हैं। सर्वे के अनुसार केवल 5 फीसदी लोग ही नए प्रोजेक्ट में निवेश करते हैं जबकि 46 फीसदी लोग एक साल के अंदर पूरा होने वाले प्रोजेक्ट में निवेश करते हैं।
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