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घर खरीदने जा रहे हैं तो कर लें थो़ड़ा इंतजार, 1 अप्रैल से इतनी कम हो जाएंगी कीमतें

locationनई दिल्लीPublished: Feb 25, 2019 12:40:18 pm

Submitted by:

manish ranjan

– घर खरीदारों का मिलेगा फायदा
-45 लाख के घर पर बचेंगे 4 से 5 लाख रुपए
– नई जीएसटी दर 5 प्रतिशत होंगी जो वर्तमान में 12 प्रतिशत है।

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घर खरीदने जा रहे हैं तो कर लें थो़ड़ा इंतजार, 1 अप्रैल से इतनी कम हो जाएंगी कीमतें

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने रविवार को अपनी बैठक में निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी दर को घटा दिया है। 45 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले फ्लैटों के लिए 1 अप्रैल, 2019 से लागू नई जीएसटी दर 5 प्रतिशत होंगी जो वर्तमान में 12 प्रतिशत है। परिषद ने किफायती आवास पर जीएसटी की दरों में 1 प्रतिशत की कटौती की, जो वर्तमान 8 प्रतिशत है। दोनों मामलों में बिल्डर नई संरचना में इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए पात्र नहीं होंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि संपत्ति विक्रेताओं के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा यह सुनिश्चित करेगी कि अगले वित्त वर्ष में निर्माणाधीन फ्लैटों की लागत में कमी आएगी। अधिकांश विशेषज्ञों ने निर्णय का स्वागत किया है। जानकारों का कहना है कि “यह निर्णय संभावित रूप से खरीदारों के भुगतान को समग्र खरीद मूल्य पर 4-6 प्रतिशत तक कम कर सकता है। ” अगले तीन वर्षों में ‘सभी के लिए आवास’ के नीतिगत उद्देश्य को प्राप्त करना है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एटीएस होमक्राफ्ट के सीईओ प्रसून चौहान का कहना है कि फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने जीएसटी की 33वीं बैठक में घर खरीदने वालों को बड़ी राहत दी है। सरकार पिछली कई तिमाहियों से सभी को जीएसटी में राहत दे रही है। इस घोषणा के बाद से देश में घर खरीदारों को बी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही सरकार ने अफोर्डेबल हाउस पर सिर्फ 1 फीसदी ही जीएसटी लगेगी। इसका लाभ भी ग्राहकों को मिलेगा।

इंदूमा रियलटेक इंडिया के फाउंडर और सीईओ रिषि सिंह के मुताबिक सरकार का यह फैसला बेहद ही सराहनीय है। इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिलेगा। रिषी के मुताबिक अगर कोई खरीददार 45 लाख का घर खरीदता है तो उसे कम से कम 4 से 5 लाख का फायदा मिलेगा।

ऐसे होगा असर

मेट्रो शहरों में किफायती घर को 60 वर्ग मीटर तक के कालीन क्षेत्र वाले घर के रूप में परिभाषित किया जाएगा और इसकी कीमत 45 लाख रुपये से कम होगी। गैर-महानगरों में 90 वर्ग मीटर तक का एक बड़ा फ्लैट किफायती आवास माना जाएगा, जिसमें लागत कैप 45 लाख से अपरिवर्तित होगी। वित्त मंत्रालय के अनुसार किफायती आवास को बहुत उदार तरीके से परिभाषित किया गया है। छोटे शहरों में लगभग 95 फीसदी फ्लैट और महानगरों में लगभग एक तिहाई किफायती घर हैं। इसलिए छोटे भारतीय शहरों में आकांक्षात्मक वर्ग अब निर्माणाधीन फ्लैटों पर केवल 1 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करेगा।

 

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