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एक्ट बनने के दो साल बाद भी होम बायर्स को नहीं मिल रहा है रेरा का फायदा, जानिए वजह

Published: Mar 24, 2018 11:46:07 am

एक्‍ट 1 मई 2017 से लागू हो चुका है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक केवल 8 राज्‍यों में ही परमानेंट रियल एस्‍टेट रेग्‍युलेटरी अथॉरिटी बन पाई है

RERA
मोदी सरकार ने होम बायर्स को बिल्‍डर्स से उनके घर दिलाने के लिए बनाए गए कानून को लेकर राज्‍य सरकारें बिल्‍कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रही है। बता दें दो साल पहले 25 मार्च 2016 को राष्‍ट्रपति ने रियल एस्‍टेट रेग्‍युलेशन एंड डेवलपमेंट एक्‍ट (रेरा) 2016 को स्‍वीकृति दी थी, लेकिन अभी तक यह एक्‍ट राज्‍यों में लागू नहीं हो पाया है।
एक्‍ट 1 मई 2017 से लागू हो चुका है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक केवल 8 राज्‍यों में ही परमानेंट रियल एस्‍टेट रेग्‍युलेटरी अथॉरिटी बन पाई है, जबकि 3 राज्‍यों में परमानेंट अपीलेट ट्रिब्‍यूनल बना है। उधर दूसरी ओर बायर्स संगठनों का कहना है कि राज्‍य सरकारें बिल्‍डर्स के दबाव में एक्‍ट को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। केवल महाराष्‍ट्र में ही बायर्स के शिकायतों पर कार्रवाई शुरू हो पाई है।

जानिए कब क्या हुआ
आपको बता दें बिल्‍डर्स की मनमानी को रोकने के लिए और होम बायर्स को उनके घर दिलाने के लिए मोदी सरकार ने रियल एस्‍टेट रेग्‍युलेटशन एक्‍ट (रेरा) तैयार किया था। इस एक्ट को
10 मार्च 2016 : राज्‍यसभा ने रियल एस्‍टेट रेग्‍युलेशन बिल को मंजूरी दी
15 मार्च 2016 : लोकसभा से भी बिल पास हो गया।
25 मार्च 2016 : राष्‍ट्रपति ने एक्‍ट को मंजूरी दी
26 मार्च 2016 : एक्‍ट की अधिसूचना जारी की गई
1 मार्च 2016 : सेक्‍शन 2, 20 से 39, 41 से 58, 71 से 78 और 81 से 92 नोटिफाई किए गए
1 मार्च 2017 : शेष सभी सेक्‍शन नोटिफाई के साथ ही एक्‍ट लागू हो गया।

राज्‍यों के लिए जारी की गई थी ये डेडलाइन
एक्‍ट में प्रोविजन किया गया था कि एक्‍ट को तय समय में लागू किया जाएगा। जैसे कि –
31 अक्‍टूबर 2016 : सभी राज्‍यों को एक्‍ट के रूल्‍स नोटिफाई करने होंगे।
31 अक्‍टूबर 2016 : सभी राज्‍यों को एग्रीमेंट ऑफ सेल के रूल्‍स भी नोटिफाई करने होंगे।
30 अप्रैल 2017 : सभी राज्‍यों में रेग्‍युलेटरी अथॉरिटी बन जाएगी।
30 अप्रैल 2017 : सभी राज्‍यों में अपीलेट ट्रिब्‍यूनल बन जाएगा।

केवल 8 राज्‍यों बन पाई परमानेंट रेग्‍युलेटरी अथॉरिटी
रेरा के लिए कई सालों से लड़ाई लड़ रहे संगठन फाइट फॉर रेरा द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, अब तक केवल 8 राज्‍यों ने ही परमानेंट रेग्‍युलेटरी अथॉरिटी बनाई है। इनमें आंध्रप्रदेश, गुजरात, मध्‍यप्रदेश, महाराष्‍ट्र, ओडिशा, पंजाब के अलावा दो केंद्र शासित प्रदेश दादर नगर हवेली और दमन दीव में परमानेंट अथॉरिटी बन पाई है। इसके अलावा लगभग सभी राज्‍यों में एंटरिम रेग्‍युलेटर काम कर रहे हैं।
3 राज्‍यों में बनी परमानेंट अपीलेट ट्रिब्‍यूनल
राज्‍यों में 30 अप्रैल 2017 तक अपीलेट ट्रिब्‍यूनल बन जानी चाहिए थी, लेकिन अब तक केवल तीन राज्‍यों गुजरात, तमिलनाडु और अंडमान निकोबार में परमानेंट अपीलेट ट्रिब्‍यूनल काम कर रहे हैं।
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