जानिए कब क्या हुआ
आपको बता दें बिल्डर्स की मनमानी को रोकने के लिए और होम बायर्स को उनके घर दिलाने के लिए मोदी सरकार ने रियल एस्टेट रेग्युलेटशन एक्ट (रेरा) तैयार किया था। इस एक्ट को
10 मार्च 2016 : राज्यसभा ने रियल एस्टेट रेग्युलेशन बिल को मंजूरी दी
15 मार्च 2016 : लोकसभा से भी बिल पास हो गया।
25 मार्च 2016 : राष्ट्रपति ने एक्ट को मंजूरी दी
26 मार्च 2016 : एक्ट की अधिसूचना जारी की गई
1 मार्च 2016 : सेक्शन 2, 20 से 39, 41 से 58, 71 से 78 और 81 से 92 नोटिफाई किए गए
1 मार्च 2017 : शेष सभी सेक्शन नोटिफाई के साथ ही एक्ट लागू हो गया।
राज्यों के लिए जारी की गई थी ये डेडलाइन
एक्ट में प्रोविजन किया गया था कि एक्ट को तय समय में लागू किया जाएगा। जैसे कि –
31 अक्टूबर 2016 : सभी राज्यों को एक्ट के रूल्स नोटिफाई करने होंगे।
31 अक्टूबर 2016 : सभी राज्यों को एग्रीमेंट ऑफ सेल के रूल्स भी नोटिफाई करने होंगे।
30 अप्रैल 2017 : सभी राज्यों में रेग्युलेटरी अथॉरिटी बन जाएगी।
30 अप्रैल 2017 : सभी राज्यों में अपीलेट ट्रिब्यूनल बन जाएगा।
केवल 8 राज्यों बन पाई परमानेंट रेग्युलेटरी अथॉरिटी
रेरा के लिए कई सालों से लड़ाई लड़ रहे संगठन फाइट फॉर रेरा द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, अब तक केवल 8 राज्यों ने ही परमानेंट रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनाई है। इनमें आंध्रप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब के अलावा दो केंद्र शासित प्रदेश दादर नगर हवेली और दमन दीव में परमानेंट अथॉरिटी बन पाई है। इसके अलावा लगभग सभी राज्यों में एंटरिम रेग्युलेटर काम कर रहे हैं।
राज्यों में 30 अप्रैल 2017 तक अपीलेट ट्रिब्यूनल बन जानी चाहिए थी, लेकिन अब तक केवल तीन राज्यों गुजरात, तमिलनाडु और अंडमान निकोबार में परमानेंट अपीलेट ट्रिब्यूनल काम कर रहे हैं।