सबसे ज्यादा गिरावट पुणे में दर्ज हुई
रिपोर्ट के अनुसार कीमतों में सबसे ज्यादा गिरावट पुणे (7 फीसदी) और मुंबई (5 फीसदी) के आवासीय घरों में देखी गई है। एनसीआर में आवासीय घरों की कीमत लगातार पिछले 6 सालों से कम हो रही है। पिछले साल भी कीमतों में औसतन 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। मकानों की घटती कीमत की प्रमुख वजह मांग में कमी को बताया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार कीमतों में सबसे ज्यादा गिरावट पुणे (7 फीसदी) और मुंबई (5 फीसदी) के आवासीय घरों में देखी गई है। एनसीआर में आवासीय घरों की कीमत लगातार पिछले 6 सालों से कम हो रही है। पिछले साल भी कीमतों में औसतन 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। मकानों की घटती कीमत की प्रमुख वजह मांग में कमी को बताया जा रहा है।
मुंबई और पुणे में घरों की खरीदारी में आई थोड़ी तेजी
बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और चेन्नई में घरों की बिक्री में क्रमशः 26, 6 और 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं दूसरी ओर मुंबई और पुणे में घरों की खरीदारी में थोड़ी तेजी नजर आई। रिपोर्ट के अनुसार मुताबिक महाराष्ट्र में रेरा के ठीक से लागू होने के बाद मुंबई और पुणे में घरों की बिक्री में क्रमशः 3 और 5 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।
बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और चेन्नई में घरों की बिक्री में क्रमशः 26, 6 और 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं दूसरी ओर मुंबई और पुणे में घरों की खरीदारी में थोड़ी तेजी नजर आई। रिपोर्ट के अनुसार मुताबिक महाराष्ट्र में रेरा के ठीक से लागू होने के बाद मुंबई और पुणे में घरों की बिक्री में क्रमशः 3 और 5 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।
नए प्रॉजेक्ट्स की लॉन्चिंग में आई कमी
बिक्री नहीं होने की वजह से आवासीय घरों के नए प्रॉजेक्ट्स की लॉन्चिंग में भी गिरावट आई है। साल 2017 में नए प्रॉजेक्ट्स की लॉन्चिंग में दिल्ली-एनसीआर में 56 फीसदी और बेंगलुरु में 41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसने रियल इस्टेट सेक्टर को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
बिक्री नहीं होने की वजह से आवासीय घरों के नए प्रॉजेक्ट्स की लॉन्चिंग में भी गिरावट आई है। साल 2017 में नए प्रॉजेक्ट्स की लॉन्चिंग में दिल्ली-एनसीआर में 56 फीसदी और बेंगलुरु में 41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसने रियल इस्टेट सेक्टर को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
दिल्ली एनसीआर के सेल्स में 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसकी वजह से घरों की कीमत में 2 फीसदी तक कमी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक रियल इस्टेट के नए प्रॉजेक्ट्स में सस्ते घरों की हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ी है।