ईडब्ल्यूएस वर्ग के आवासों का आवंटन आरक्षित दर का 25 प्रतिशत और एलआईजी वर्ग के आवास का 60 प्रतिशत दर पर किया जा रहा है। प्रस्ताव में इसे बढ़ा क्रमश 40 और 75 प्रतिशत करना प्रस्तावित कर दिया गया।
जेडीए प्रशासन का तर्क है कि लोगों की आय में बढ़ोतरी हुई है। इससे उनकी क्रय शक्ति भी बढ़ी है। जबकि, मौजूदा हालात में सरकार महकमों के अलावा दूसरे लोगों में ऐसा नजर नहीं आ रहा है। जेडीए के पत्र में अंकित है कि जब इन अलग-अलग आयवर्ग का निर्धारण अलग-अलग भूखण्डों के साइज के अनुरूप किया था, तब और वर्तमान समय में आय में बड़ा अंतर आ गया। इसके कारण अधिकांश लोग जेडीए की योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में इन वर्गो (एमआईजी व एचआईजी) को सभी साइजों के (90 वर्गमीटर से बड़े) भूखण्डों के लिए आवेदन करने में छूट दी जाए।
ईडब्ल्यूएस-एलआईजी वर्ग के लिए आय सीमा मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत करने के लिए कहा है। इसके तहत ईडब्ल्यूएस वर्ग की आय को 1.20 लाख से बढ़ाकर 1.50 लाख करने और एलआईजी वर्ग की आय सीमा को बढ़ाकर 1.50 लाख से 3 लाख रुपए सालाना करने को प्रस्तावित किया।