नंबर | ब्यौरा | एग्रीमेंट की तारीख | कंज्यूमेंशन की तारीख | अंतर (समय़) | ईवी (करोड़ रुपए में) |
1. | 100% 4.8 एमटीपीए गुजरात सीमेंट | सितंबर 2013 | जून 2014 | 10 महीने | 3800 |
2. | 74% 2.1 बोकारो जेपी सीमेंट लिमिटेड | मार्च 2014 | नवंबर 2014 | 8 महीने | 851 |
3. | 100% 1.5 एमटीपीए पानीपत सीमेंट | सितंबर 2014 | अप्रैल 2015 | 7 महीने | 360 |
4 | विंड पॉवर | सितंबर 2015 | अक्टूबर 2015 | 2 महीने | 184 |
5. | 100% 2 हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट | नवंबर 2014 | अक्टूबर 2015 | 11 महीने | 9700 |
6. | 100% 17.2 एमटीपीए सीमेंट प्लांट | मार्च 2016 | जून 2017 | 15 महीने | 16189 |
7. | बल्क लैंड सेल | 7204 |
हमने आपको इस टेबल में कंपनी की कुल संपत्ति और खर्च के बारे में जानकारी दी है। कंपनी की इतनी अच्छी स्थिति होने के बाद भी कंपनी का अचानक दिवालिया हो जाना बहुत ही आश्चर्य की बात है। घर खरीदारों ने आईडीबीआई बैंक, इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड, भारतीय जीवन बीमा निगम, भारतीय स्टेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आईसीआईसीआई बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, IFCI लिमिटेड, के वोटों की मांग की है। इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर बैंक, एक्सिस बैंक और एसआरईआई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड, प्रयासों को मिलाने और इसकी स्थापना के बाद से जेआईएल के फॉरेंसिक ऑडिट की तलाश कर रहे हैं।
आपको बता दें कि हाल ही में संपन्न हुई JIL के लेनदारों की समिति की बैठक हुई है, जिसमें श्री मनोज गौड़ ने खुद IBC के तहत कंपनी के बारे में जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि इस तरह के विवरणों को जेआईएल की स्थापना के बाद से एक उचित फोरेंसिक ऑडिट के माध्यम से लोगों को दिखाया जाए।
इसके साथ ही घर खरीदारों ने स्वयं स्वतंत्र रूप से उपलब्ध दस्तावेजों और विवरणों के आधार पर JIL की वित्तीय स्थिति को एक समानांतर ऑडिट की शुरुआत की थी और इस ऑडिट के माध्यम से निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि कंपनी में रुपए की समस्या है और प्रबंधन भी ठीक नहीं है, लेकिन घर खरीदारों के कहने पर इस तरह के ऑडिट को कराना खुद को परेशानी में डालना है।
आपको बता दें कि कंपनी में चल रहे विवाद को शांत करने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि इस तरह की परेशानियों को कम करने के लिए ऑडिट किया जाए औऱ उसके बाद उसके आदधार पर बातचीत की जाए। घर खरीदारों ने फ्लैटों की कुल कीमत का 80-90 फीसदी अग्रिम भुगतान के रूप में दे दी है। इसके साथ ही घर खरीदारों ने निर्माण की लागत से कहीं अधिक फ्लैट बनाने के लिए पैसा दिया और अभी तक कंपनी के पास घरों को पूरा करने या बैंकों को भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं।
आपको बता दें कि इनसॉल्वेंसी पीरियड शुरू होने की तारीख से पहले के दो सालों में कवर किए गए फॉरेंसिक ऑडिट की शुरुआत हुई, जब कंपनी के पास कोई गतिविधि नहीं थी। इस समय कंपनी के ग्राहकों को जेआईएल की स्थापना के बाद से हुए लेनदेनों और बैंकों को अपने अवरोधों को दूर करने और फॉरेंसिक ऑडिट के लिए प्रस्ताव का समर्थन करने की आवश्यकता है, ताकि सच्चाई सामने आए और कंपनी ने जहां भी घर खरीदारों के पैसे को लगाया हो वहां से वह इसको वापस लेकर आए।