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गरीबों के आशियानों का हिसाब लेगी सरकार, जेडीए का टारगेट घटाया

Published: Dec 07, 2017 10:26:44 am

इसमें मुख्यमंत्री जनआवास और प्रधानमंत्री आवास योजना दोनों प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसकी जानकारी केन्द्र सरकार को भी भेजी जाएगी।

JDA Flats
विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सरकार को फिर गरीबों की याद आ गई है। नगरीय विकास विभाग के प्रशासनिक मुखिया नौकरशाहों से इसका हिसाब लेने में जुट गए हैं। इसके लिए सभी विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास, आवासन मण्डल, रूडसिको के मुखिया से गुरुवार को रिपोर्ट ली जाएगी। इसमें मुख्यमंत्री जनआवास और प्रधानमंत्री आवास योजना दोनों प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसकी जानकारी केन्द्र सरकार को भी भेजी जाएगी।
विभाग ने हाउसिंग फॉर ऑल मिशन, 2022 के तहत सभी को आवास के लिए नए टारगेट की सूची भी भेज दी है। इसमें राजधानी जयपुर समेत 167 शहर शामिल हैं, जिसमें विकास प्राधिकरण, विकास न्यास, आवासन मण्डल, डीएलबी शामिल है। हालांकि, इसमें जयपुर विकास प्राधिकरण का लक्ष्य 47 हजार अंकित है, जबकि पहले ?लक्ष्य 1 लाख दिया गया था। इसमें से भी योजना के तहत 50722 आवास—भूखंड की प्रक्रिया तो पूरी कर चुका है। इससे नगरीय विकास विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
जेडीए लक्ष्य से आगे निकला
मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत तीन वर्ष में जेडीए ने 50 हजार के लक्ष्य के मुकाबले 50722 का आंकड़ा छू लिया। यह आंकड़े वित्तीय वर्ष 2015 से 2018 के दौरान के हैं। सरकार के पहले वर्ष में करीब 5500 आवास अलग हैं।
इस तरह से देना होगा हिसाब..
सीएम जन आवास योजना के तहत 26 सितम्बर, 2015 के बाद अब तक की स्थिति।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकारी भूमि के चिन्हिकरण तथा विकसित योजनाएं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा—निर्देश के अनुसार डिमांड सर्वे व हाउसिंग फॉर ऑल प्लान ऑफ एक्शन तत्काल तैयार करना। इसे केन्द्र सरकार को भेजना सुनिश्चित करना।
अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी, 2009 के अंतर्गत आवंटन से बाकी बचे आवास की सूची तथा आवंटन नहीं किए जाने के कारण।
व्यक्तिगत आधारित आवास निर्माण वर्टिकल के तहत लाभार्थियों को चिन्हिकरण।
सरकारी और अवाप्तशुद जमीन पर काबिजों के नियमन के लिए सरकार ने नई दरें निर्धारित कर दी हैं। नई दरों में बेस प्राइस आरक्षित दर का 25 प्रतिशत रखा है। ये दरें आगामी वर्ष मार्च 2019 तक प्रभावी रहेंगी।
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