किसी के मेहमान बनने जा रही हैं?
Published: Mar 27, 2015 11:08:00 am
कोशिश करें कि आप किसी भी तरह से बोझ न बनें। अपने काम खुद करें ताकि मेजबान को आप
बोझ न लगें
भारतीय संस्कृति में अतिथि को देवता कहा गया है। इस दौर में किसी के यहां मेहमान आते हैं और टिकते हैं तो यह गर्व का विषय है। दौड़-भाग और आपाधापी के इस युग में सामाजिक होना, मिलनसार होना बहुत बड़ी खासियत है। थोड़ी-सी भी चूक बरसों के रिश्ते खत्म कर सकती है। आप यदि किसी के घर मेहमान बनके जा रही हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखने से आपसे उनका रिश्ता प्रगाढ़ हो जाएगा और आपको वो बार-बार बुलाना चाहेंगे।
समय का ध्यान रखें
मेहमान बनते वक्त वर्ष का कौनसा समय है, ध्यान रखें। बच्चों की परीक्षाएं जब चल रही हों, ऎसे में किसी के घर जाना उचित नहीं है। मेजबान के घर का कोई सदस्य बीमार हो या उनके कार्यस्थल पर काम ज्यादा हो, मार्च, दिसम्बर या ईयर क्लोजिंग हो तो न ही जाएं।
ज्यादा दिन न रहें
कुछ दिनों तक तो दूसरे के घर मेहमान बनना ठीक है, पर अधिक दिन रहने से आपसी प्यार, सम्मान कम होता है। सहूलियतें भी मेजबान कम करने लगता है।
हाथ बंटाएं
मेजबान के घर आपके लायक यदि काम हो तो जरूर हाथ बटाएं। आप बरतन धोने, सब्जी काटने, पौधों में पानी डालने, बच्चों की पढ़ाई देखने, कपडे सुखाने जैसे किसी भी काम में मदद कर सकती हैं। मेजबान को थोड़ा सुकून मिलेगा। मेजबान के घर से आप बार-बार यदि बाजार जाती हैं तो फल, सब्जी, नमकीन, मिठाई जरूर खरीद लाएं। उसे अपनापन महसूस होगा और अच्छा लगेगा।
तोहफे जरूर ले जाएं
अपने शहर की प्रसिद्ध चीज या मेजबान के घर के सदस्यों के लिए उम्र व पसंद के हिसाब से उपहार ले जाएं। उन्हें यकीनन अच्छा लगेगा।
कचरा न फैलाएं
अपने घर में चाहे आप कैसे भी रहें, मेजबान के घर में बिस्तर जरूर समेट दें। कचरा भी डस्टबिन में डालें। कोशिश करें कि आपका सामान फैला न रहे और मेजबान के घर की खूबसूरती न बिगडे।
दखलअंदाजी न करें
मेजबान के घर रहते-रहते आप काफी बेतकल्लुफ हो जाती हैं। ऎसे में बिना मांगे राय प्रकट करना ठीक नहीं। मेजबान के घर में यदि कोई बात आपको उचित नहीं लग रही हो तो वो कहना भी ठीक नहीं ।
अपना काम खुद करें
कोशिश करें कि आप किसी भी तरह से बोझ न बनें। अपने काम खुद करें ताकि मेजबान को आप बोझ न लगें। मेजबान के घर अपने परिचितों को न बुलाएं। यदि बुलाना भी हो तो शहर के किसी रेस्त्रां में आप उन्हें बुला लें ताकि मेजबान पर बोझ न पड़े। मेजबान जैसा भी खिलाए, खुशी-खुशी खा लें। अपनी पसंद-नापसंद उन पर न थोपें।
दूसरे रिश्तेदारों की बुराई न करें
मेजबान के घर रहते हुए कभी दूसरे सगे-सम्बन्धियों, मित्रों की बुराई न करें। उन्हें लगेगा कि आप उनके लिए भी ऎसा ही कहती हैं।
वाहन खुद ही ले लें
हर बार मेजबान को खुद को छोड़ने, ले जाने के लिए न कहें। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें।
धन्यवाद देना न भूलें
मेजबान को धन्यवाद देना न भूलें। उसे अपने घर आमंत्रित करें। बच्चों को आशीर्वाद स्वरूप तोहफे या राशि देकर जाएं।