अपने रिश्ते में मेरे टाइम और हमारे टाइम के अर्थ को समझें और उसे अपनी जिंदगी में अपनाने की कोशिश करें। जैसे आपको यह पसंद नहीं है कि बात-बात में कोई आपको टोके, ठीक वैसे ही आपके पति को भी आपकी यह आदत पसंद नहीं आती होगी। शादी दो लोगों को जिंदगी भर के लिए साथ लाती है। पर इस बात को हमेशा याद रखना जरूरी है कि रिश्ता कोई भी हो उसे फलने-फूलने के लिए स्पेस की जरूरत होती है। अपने इस रिश्ते में इस स्पेस की कटौती कभी भी न करें। आप अपने दोस्तों से शादी के बाद कम मिल पाती हैं तो इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आपके पति भी अपने दोस्तों से मिलने न जाएं।
वो दिन गए, जब आप इस एटिट्यूड के साथ जिंदगी जीती थीं कि कोई मेरे बारे में क्या सोचता है, उससे क्या फर्क पड़ता है। शादी के बाद आपको सिर्फ एक रिश्ता ही नहीं, कई रिश्तों को एक साथ सींचना सीखना होता है। यकीन मानिए, धीरे-धीरे आप अपने इन नए रिश्तों को सहेजने में एक्सपर्ट हो जाएंगी। स्थिति के मुताबिक आप खुद को ढालना सीख जाएंगी।
शादी से पहले आपके खाली वक्त का पलड़ा हमेशा ऊपर रहता था और जिम्मेदारियों वाला हमेशा नीचे। पर अब स्थितियां पूरी तरह से उल्टी हो चुकी हैं। अब अगर आप देर रात किसी के यहां से लौटी हैं तो आपको अगली सुबह उठकर घर के कामकाज और सुबह के नाश्ते की चिंता भी करनी होगी। आप पर जिम्मेदारियों का बोझ अचानक से बढ़ जाएगा।
शादी शेयरिंग का दूसरा नाम है। खुशियां, वॉर्डरोब, राज, खाना और यहां तक कि समय, शादी के बाद आपको अपने साथी के साथ यह सब कुछ शेयर करने के लिए पहले से आप दोनों को तैयार रहना होगा। यह एक अच्छी बात है, पर यह बात तय मानिए कि आपको कभी-कभी कुछ वक्त अकेले बिताने के लिए भी तरसना पड़ेगा। उन दिनों की कमी खूब खलेगी, जब आप चुपचाप टीवी के सामने बैठकर अपना मनपसंद प्रोग्राम देखा करती थीं या फिर दोस्तों के साथ दिन भर शॉपिंग किया करती थीं।
बात-बात में गुस्सा होना, बात-बात में सामने वाले से बातचीत बंद कर देना, शादी से पहले भले ही आपके इस स्वभाव से आपकी जिंदगी पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता था। पर शादी के बाद स्थितियां ऐसी नहीं रहने वालीं। अपनी जिंदगी से तनाव को दूर रखने के लिए आप धीरे-धीरे धैर्य रखना सीख जाएंगी। बात-बात में गुस्सा करना बंद कर देंगी, क्योंकि इससे अब आपके साथी की जिंदगी भी प्रभावित होने लगेगी।
अब आपकी बातों में मैं कम और हम ज्यादा होगा। आपका सोचने का दायरा और जिंदगी को जीने का नजरिया दोनों बदल जाएगा। धीरे-धीरे ही सही, पर शादी के बाद छोटी-छोटी चीजों पर परेशान होने की जगह आप उसके बड़े फायदे के बारे में सोचना शुरू कर देंगी। जैसी ही एक दूसरा और सबसे खास व्यक्ति आपकी जिंदगी में प्रवेश करेगा, आप उसकी जरूरतों और खुशियों के मुताबिक सामंजस्य बिठाना शुरू कर देंगी। यह नई जिंदगी कुछ ही वक्त में आपको दूसरे के बारे में सोचना सिखा जाएगी और आपको कम स्वार्थी बना जाएगी। ऐसे में आपको अपनी जिम्मेदारियों और सेहत दोनों का बराबर ध्यान रखना होगा।