आप अपने मन की बात को अपने दोस्त के समक्ष साफ-साफ रख दे । साथ ही ये वादा भी ले कि यदि उनके मन में ऐसा कुछ नहीं है तो वह आपकी फीलिंग को कम से कम समझेंगे । और किसी भी रिश्ते से पहले अपने दोस्ती के रिश्ते को महत्व देंगे। आपकी बात आपके मन में ही रह गई तो इसका कोई फायदा नहीं ।इसलिए बताना तो जरूरी है हिम्मत करके अपने दिल की बात को अपने दोस्त के सामने सांझा करें।
जब आप उनके सामने अपने मन की बात रखें । तो यह जरूर ध्यान रखें कि अब वह आपके हर कदम में देखेंगे कि आपने बस कहने के लिए ही तो नहीं कह दिया । या आप अपने बात को निभा भी रहे हैं। यदि आप अपने दोस्त से प्यार करते हैं तो उसे यह बात बताने के बाद । आपके हर तौर तरीके से भी यह बात लगनी चाहिए कि आप उसकी कितनी केयर करते हैं।
हो सकता है कि उनकी तुलना में आपको उनकी ज़्यादा ज़रूरत हो। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप उनके सामने अपनी बेताबी ज़ाहिर करें। आप भले ही बात को जल्दी से जल्दी बढ़ाना चाहती हों, लेकिन उन्हें ऐसा बिल्कुल नहीं लगना चाहिए कि आप हड़बड़ी कर रहे है। इससे आप उन्हें इंप्रेस करने का मौ़का खो सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो धैर्य रखें, रिश्ते को समय दें और धीरे-धीरे उन्हें संकेत दें कि आप उन्हें पसंद करने लगे है।
आपने अभी-अभी अपनी मन की बात उन्हें बताइए है। जरूरी नहीं सामने वाला भी यही सोचता हो। इस बात को समझने का समय अपने दोस्त को दें । यदि वह आपको जवाब में हां कहे तो भी ठीक । ना करें तो भी ठीक। दूसरे की भावना का सम्मान करें । और अपनी तरफ से कोशिश जारी रखें। ताकि सामने वाले को आपके फीलिंग के बारे में समझने का समय मिले।