पहचानें कि मूड परिवर्तन है या कुछ और आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आपके पार्टनर का मूड यूं ही बार-बार बदल रहा है या उसे किसी प्रोफेशनल मदद की जरूरत है। आपको पहचानना होगा कि ऐसा परिस्थितिवश हो रहा है या किसी सेहत संबंधी समस्या की वजह से। इस बात पर ध्यान दें कि एक मूड कितनी देर तक रहता है और उसकी तीव्रता कितनी है।
अपनी भावनाओं को भी परखें अपने पार्टनर के इमोशन्स को परखने के साथ-साथ अपने इमोशन्स पर भी गौर करें। कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके किसी मूड या व्यवहार के कारण आपके पार्टनर का मूड बदल जाता हो? कहीं आपकी प्रतिक्रिया आपके पार्टनर के खराब मूड को बढ़ावा तो नहीं दे रही? अगर आपके स्तर पर किसी तरह का बदलाव किए जाने की जरूरत है तो जरूर करें।
अपनाएं या छोड़ दें अगर आप सभी उपाय करके देख चुकी हैं और समस्या जस की तस है तो वक्त गंभीर फैसला लेने का है। फैसला आपको करना होगा कि आप अपने पार्टनर को उसके बदलते मूड के साथ अपनाएंगी या नहीं। अगर आप के लिए उसके साथ रहना मुश्किल हो रहा है तो आपको इस रिलेशनशिप से बाहर निकलना होगा या कम से कम दूरी बनानी होगी। फैसला चाहे जो हो, अपने पार्टनर को यह बात जरूर बताएं कि उसका खराब मूड आपके जीवन को किस तरह प्रभावित कर रहा है। हो सकता है आपकी भावनाएं जानने के बाद वह कुछ बदलाव करने का मन बना लें।
सीमा तय करें किसी भी स्वस्थ रिश्ते में सीमाएं तय होती हैं। आपके पार्टनर को भी ये सीमाएं पता होनी चाहिए। अगर वह आप पर चीख-चिल्ला रहा है तो उसे बताएं कि आप उससे तब बात करना पसंद करेंगी जब वह शांत मूड में होगा। उसे यह भी बताएं कि वह आपसे इस तरह बात नहीं कर सकता और उसका यह बर्ताव असहनीय है।
अपनी लड़ाई खुद चुनिए कई बार आपका पार्टनर आपका ध्यान खींचने के लिए भी एक विशेष प्रकार का मूड अपनाता है। अगर ऐसा है तो यह फैसला आपका हो कि उसकी ओर ध्यान देना जरूरी है या नहीं। अपने पार्टनर की इच्छा को महत्व दीजिए लेकिन फैसला खुद कीजिए कि उस वक्त और परिस्थिति में क्या करना सही होगा।