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बच्चों में डालें पढ़ने की आदत

हर रोज शाम को गार्डन में जाने के साथ साथ आप अपने बच्चे को किसी लाइब्रेरी में
लेकर जाएंगे तो वह पढ़ेगा

Mar 21, 2015 / 03:46 pm

प्रियंका चंदानी



बच्चों में डालें पढ़ने की आदत
आज कल लगभग हर स्कुल में बच्चों के पढ़ने की आदत को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। कम्प्युटर और वाइ-फाइ के जमाने में किताबों की जगह इन आधुनिक गेजेट्स ने ले ली है। इसके चलते बच्चे कि ताबों से दूर होते जा रहे हैं और यही आज कल के टीचर और मां बाप की चिंता का कारण बना हुआ है। जो बात किताब से सिखी जा सक ती है वह कम्प्युटर पर पढ़ने से नहीं सीखी जा सकती।

बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने का शुरूआती काम मां बाप का होता है यदि आप यह सोच कर की बच्चा स्कुल जाकर पढ़ना सीखेगा तो वह केवल अपनी पढ़ाई की अथवा कॉर्स की किताबें सिखेगा जिसके लिए उसे ज्यादा महेनत करने की जरूरत नहीं है। लेç कन यदि आप अपने बच्चे को दूसरों से हटके कुछ खास बनाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ही महेनत करनी होगी।

बच्चे कोे शुरू से ही पढ़ने की आदत डालने के लिए जरूरी है कि ब च्चे के डिसिप्लिन सीखाया जाए जिसके लिए आपको भी वही डिसिप्लिन अपनाना होगा। हर रोज शाम को गार्डन में जाने के साथ साथ यदि आप अपने बच्चे को किसी लाइब्रेरी में लेकर जाएंगे तो वह पढ़ेगा। नयी किताबें और लाइब्रेरी का माहौल उसे पढ़ने के लिए प्रेरीत करेगा।

अपने बच्चे को हर रोज नयी-नयी किताबों से रूबरू करवाएं। यह कि सी भी तरह की किताबें हो सकती हैं। जानवरों की कहानी से लेकर किसी पारंपरिक कहानी, या फैरी टेल। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि बच्चे को उसी की उम्र के हिसाब से किताबें दी जाएं। उम्र के हिसाब से किताबें देने का मतलब यह है कि वे किताबें जिन्हें बच्चा बिना किसी की मदद के पढ़ सके और उसे समझ भी सके। आप अपने बच्चे से भी पूछ सकते हैं कि किस तरह की किताबें वह पढ़ना चाहता है। हर बार जब वह बताएगा तो अगली किसी बार आप उसकी पसंद के हिसाब से किताब सिलेक्ट कर पाएंगी। इसका सही तरीका यह भी है कि बच्चा ही खुद किताबों की भीड़ में से अपनी किताब को चुनें।

बच्चे पर अपनी पसंद की किताब नहीं थोपें हो सकता है आपकी पसंद आपके बच्चे का उतना इंटरेस्ट नहीं बांध पाए। हो सकता है आपको पंचतंत्र की कहानी वाली किताबें पसंद हों और आपका बच्चा स्पाइडर मेन पढ़ना चाहता हो, आप उसे वही पढ़नें दें। यह अच्छी बात है कि वह पढ़ रहा है, समय के अनुसार वह अपने लिए सही किताबें ढुंढ ही लेगा।

पढ़ने की आदत को परिवार की आदत बनाएं। अपने बच्चे के आस- पास उसे पढ़ने वाला माहौल दें। आप चाहे अखबार पढ़ें या कोई क ाल्पनीक किताब लेकिन किताब को अपने घर में एक जगह दें। किताब को आपके बच्चे के जिवन का हिस्सा बनाएं। जन्मदिन पर बाहर जाएं। किताबें खरीदें। बच्चे को गिफ्ट में किताबें दें जिससे बच्चे को पढ़ना एक जरूरी काम लगेगा।

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