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अगर करेंगे बायोलॉजिकल क्लॉक की रेस्पेक्ट, तो लाइफ रहेगी स्ट्रेस फ्री

Published: Aug 08, 2018 03:24:12 pm

बायोलॉजिकल क्लॉक के अनुसार चलेंगे, तो न सिर्फ इम्यूनिटी बूस्ट होगी, बल्कि आप स्ट्रेस, हाईब्लडप्रेशर और डायबिटीज जैसी लाइफ स्टाइल डिजीज को भी हरा पाएंगे।

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हर व्यक्ति को बायोलॉजिकल क्लॉक की रेस्पेक्ट करना बेहद जरूरी है। इस क्लॉक के अनुसार चलेंगे, तो न सिर्फ इम्यूनिटी बूस्ट होगी, बल्कि आप स्ट्रेस, हाईब्लडप्रेशर और डायबिटीज जैसी लाइफ स्टाइल डिजीज को भी हरा पाएंगे। सुबह के समय रिच ब्रैकफास्ट बहुत जरूरी है, इससे पूरा दिन एनर्जेटिक बनाया जा सकता है, इसी तरह देर रात डिनर करना भी हैल्थ के लिए सही नहीं है। हैल्थ और लाइफस्टाइल स्पीकर ल्यूक कोटिनो ने वैलनेस पर खुलकर बात की। जयपुर में आयोजित ‘वैलनेस, लाइफस्टाइल एंड यू’ सेशन में ल्यूक ने हैल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी कई जानकारियां शेयर की।
इमोशनल हैल्थ
ल्यूक कहते हैं ‘पैसा होने के बाद भी लोगों का लालच खत्म नहीं है, जहां कुछ लोग दूसरों को देखकर ईष्र्या करते हैं वहीं कुछ इस कदर प्रभावित हो जाते हैं, जिससे उनकी हैल्थ सफर होने लगी है। लाइफ में प्रायोरिटी की अहमियत बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि आप स्ट्रेस से निजात पाना चाहते हैं, तो अपनी प्रायोरिटी तय कीजिए। लग्जरी से ज्यादा रिलेशनशिप पर इंवेस्ट कीजिए, इससे आप अपने आपको अकेला नहीं फील करेंगे और हमेशा खुश रहेंगे। दिन में सिर्फ पांच मिनट के मेडिटेशन से इमोशनल हैल्थ को सुधारा जा सकता है।’
क्वालिटी स्लीप जरूरी
ल्यूक ने बताया कि स्लीप बॉडी को रिपेयर करती है, ऐसे में भरपूर नींद लेना बहुत जरूरी है। सोने से बॉडी डिटॉक्स होती है। इम्यूनिटी बूस्ट होती है और अनावश्यक कैलोरीज बर्न होती है। बच्चों के डवलपमेंट के लिए सोना बहुत जरूरी है। लेकिन बदलती लाइफस्टाइल में बच्चों को बहुत-सारी एक्टिविटीज में बिजी रखा जाता है। स्कूल से आने के बाद भी बच्चे ट्यूशंस या फिर स्पोर्ट्स ट्रैनिंग में बिजी रहते हैं। इन सबके साथ उन्हें नींद लेना भी जरूरी है।
बीमारियों को लेकर आता है स्ट्रेस
ल्यूक ने बताया कि महिलाओं में हार्मोन इम्बैलेंस की शिकायत आम हो चुकी है। इसके कारण पीरियड प्रॉब्लम, पीसीओडी, फाइब्रॉएड और बे्रस्ट कैंसर, जैसी बीमारियों से जूझ रही है। इनका कारण हार्मोन्स का असंतुलन है, जिसका सबसे बड़ा कारण स्ट्रेस है। चेंज होती लाइफस्टाइल के बीच महिलाओं में स्ट्रस लेवल बढ़ रहा है, जिसके कारण ये दिक्कतें आ रही हैं। महिलाओं को अपनी बॉडी को प्रायोरिटी देनी चाहिए।

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