स्लो फूड का मतलब सिर्फ पिज्जा और बर्गर छोडऩे से नहीं है , बल्कि डेली फूड को ज्यादा से ज्यादा हेल्दी बनाने से है । मैंने कई देशों में काम किया हैं, जहां पर सीजनल और लोकल फूड पर काफी अवेयरनेस हो रही है। मैं खुद भी कुजीन बेस्ड की जगह सीजनल फूड की डिशेज बनाती हूं।
हैल्दी लाइफस्टाइल के लिए हम घरेलू नुस्खों को अपनाकर अपनी लाइफ में चेंज ला सकते हैं। यदि आप डेली लाइफ में एलोवेरा और हल्दी जैसे प्रोडेक्ट्स को अपनाते हैं, तो एलोपैथिक मेडिसिन की जरूरत आपको कभी भी नहीं पड़ेगी। सबसे जरूरी है कि नैचुरल चीजों को हम अपने रूटीन लाइफ में अपनाएं।
हैल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने के लिए माइंडसेट काफी जरूरी है। समय के साथ हमारी लाइफस्टाइल में काफी चेंज आया है, लिहाजा जरूरी है कि हम इस पर ध्यान दें। घर की बालकनी से लेकर लॉन में कई ऑप्शन होते हैं, जहां हम तुलसी, नीम और एलोवेरा जैसे प्लांट लगा सकते हैं और लाइफस्टाइल को बेहतर बना सकते हैं।
इंडियन फूड कल्चर में फास्ट फूड को पूरी तरह छोड़ पाना काफी मुश्किल हैं, ऐसे में लोगों को ऑप्शन दिए जाने चाहिए, जिससे वे वेज और नॉन वेज में ग्रील्ड एंड स्टीम्ड फूड को प्रायोरिटी दे सकें। उदाहरण के तौर पर पास्ता में रेड पास्ता, पनीर पकोड़ा की जगह पनीर टिक्का और सैंडविच में ब्राउन और रेड सैंडविच जैसे ऑप्शन अपनाए जा सकते हैं। अपनी फूड हैबिट्स में हैल्दी बेवरेज जैसे कि मिल्क शेक, फ्रेश फ्रूट एंड ज्यूसेज, वेजिटेबल सूप्स और स्मूदीज को शामिल करें।