शोधकर्ताओं के मुताबिक, काम के सिलसिले में घर पर मोबाइल डिवाइस का प्रयोग करने से कर्मचारी के पेशेवर जीवन और जीवनसाथी के साथ संबंधों दोनों पर असर पड़ता है। अध्ययन के सह-लेखक और अर्लिंगटन के टेक्सास विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर वेयने क्राफोर्ड ने बताया, ‘‘प्रौद्योगिकी और उसके कर्मचारियों पर पडऩे वाले असर को लेकर ढेर सारे शोध किए गए हैं। हम यह देखना चाहते थे कि क्या प्रौद्योगिकी के प्रयोग से घर पर कार्यालय के काम के कारण जीवनसाथी के साथ संबंधों पर कोई नकारात्मक असर होता है या नहीं।’’
यह अध्ययन जर्नल ऑफ ऑक्युपेशनल हेल्थ साइकोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं ने कुल 344 शादीशुदा जोड़ों के ऊपर इस शोध को अंजाम दिया। प्रतिभागियों में सभी पूर्णकालिक कर्मचारी थे और घर पर कार्यालय के काम के उद्देश्य से मोबाइल डिवाइसों या टैबलेट का प्रयोग करते थे।
सर्वेक्षण के नतीजों में पाया गया कि पारिवारिक वक्त में मोबाइल फोन का प्रयोग करने से नौकरी से संतुष्टि में कमी आती है साथ ही नौकरी में प्रदर्शन भी प्रभावित होता है। शोधकर्ताओं ने कहा, ‘‘यह वास्तव में कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जब पति/पत्नी घर पर मोबाइल डिवाइस का प्रयोग करते हैं तो उनके साथी के साथ संघर्ष पैदा होता है। वे कई बार पारिवारिक समय पर काम संबधी गतिविधियों में व्यस्त हो जाते हैं। जो अंतत: काम और जीवनसाथी दोनों के लिए समस्या पैदा करता है।’’
शोधकर्ताओं ने कहा, ‘‘इसलिए जो कंपनियां कर्मचारियों द्वारा मोबाइल डिवाइस द्वारा घर से काम करने की परवाह करती हैं या नहीं करती हैं, उन कंपनियों को यह जानना चाहिए कि गैर-कार्य घंटों के दौरान उनके अपने कर्मचारियों के साथ संपर्क से जो तनाव पैदा है, आखिरकार वह कर्मचारियों के काम और जीवन दोनों में परेशानी पैदा करता है।’’