धर्म और अध्यात्म

आज इन कार्यों के लिए बन रहा है शुभ मुहूर्त, आप भी लाभ उठाएं

चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि सम्पूर्ण दिवारात्रि है

Jul 07, 2017 / 09:20 am

सुनील शर्मा

aaj ki kundli in hindi

चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि सम्पूर्ण दिवारात्रि है। चतुर्दशी तिथि में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं होते। पर किसी शुभकार्यारम्भ के समय के लग्न में केन्द्र या त्रिकोण स्थान कोई शुभ ग्रह स्थित हो तो रिक्ता तिथि का दोष परिहृत हो जाता है। वैसे चतुर्दशी तिथि में क्षौर व यात्रा का त्याग करना चाहिए।

नक्षत्र: ज्येष्ठा ‘तीक्ष्ण व तिर्यंकमुख’ संज्ञक नक्षत्र पूर्वाह्न 11.21 तक, इसके बाद मूल ‘तीक्ष्ण व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। ज्येष्ठा नक्षत्र में तीक्ष्ण, उग्र व कठोर कार्य और मूल नक्षत्र में कुआ-तालाबादि खनन, जनेऊ, वास्तुशांति, जलवादि के कार्य करने योग्य हैं। ज्येष्ठा व मूल दोनों गण्डान्त मूल संज्ञक नक्षत्र भी है। इन नक्षत्रों में जन्मे जातकों के हित में 27 दिन बाद जब इन नक्षत्रों की पुनरावृत्ति हो, उस दिन मूल शांति करा देना चाहिए।

योग:
शुक्ल नामक योग प्रात: 9.04 तक, तदन्तर ब्रह्म नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं। विशिष्ट योग: पूर्वाह्न 11.21 से दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग है जो तिथि, वार, नक्षत्र जन्य कुयोगों की अशुभताओं को नष्ट कर शुभकार्यारम्भ के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। करण: गर नामकरण सायं 6.23 तक, तदन्तर वणिज आदि करण हैं।

शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 1939
हिजरी संवत् : 1438
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : आषाढ़। पक्ष – शुक्ल।

शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज अति आवश्यकता में मूल नक्षत्र में (भौमवेध दोषयुक्त) विवाह का मुहूर्त है।

श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न 10.49 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर 12.31 से दोपहर बाद 2.14 तक शुभ तथा सायं 5.38 से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12.04 से दोपहर 12.58 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।

व्रतोत्सव: चौमासी चौदश (जैन), जया पार्वती व्रत प्रारम्भ (गुजरात में), मेला ज्वालामुखी (कश्मीर में) तथा शिवशयन चतुर्दशी (उड़ीसा में) है। दिशाशूल: शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज उत्तर-पूर्व दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। चन्द्रमा: चन्द्रमा पूर्वाह्न 11.21 तक वृश्चिक राशि में, तदन्तर धनु राशि में रहेगा। राहुकाल: प्रात: 10.30 से दोपहर 12.00 तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।

आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (यू, ये, यो, भ, भी) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। पूर्वाह्न 11.21 तक जन्मे जातकों की जन्म राशि वृश्चिक, इसके बाद जन्मे जातकों की जन्म राशि धनु है। इन सभी जातकों का जन्म ताम्रपाद से है। जो शुभ है। सामान्य रूप से ये जातक धनवान, कीर्तिवान, साहसी, झूठ से घृणा करने वाले पर कुछ कलहप्रद, स्वकार्य में दक्ष, कवि, लेखक, साहित्यकार या परामर्शदाता होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 27 या 31वें वर्ष में होता है। वृश्चिक राशि वाले जातकों के कार्यों में आज कुछ अड़चन रहेगी। अदालती मामलों को टालने का प्रयत्न करना चाहिए।

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