scriptबुद्ध पूर्णिमा : भगवान बुद्ध के ये विचार आज भी दिखाते नई मंजिल के नए रास्ते | Buddha Jayanti 2020 : Bhagwan Buddha Vichar in hindi | Patrika News

बुद्ध पूर्णिमा : भगवान बुद्ध के ये विचार आज भी दिखाते नई मंजिल के नए रास्ते

locationभोपालPublished: May 07, 2020 01:47:32 pm

Submitted by:

Shyam

भगवान बुद्ध जयंती

बुद्ध पूर्णिमा : भगवान बुद्ध के ये विचार आज भी दिखाते नई मंजिल के नए रास्ते

बुद्ध पूर्णिमा : भगवान बुद्ध के ये विचार आज भी दिखाते नई मंजिल के नए रास्ते

हम जो कुछ भी है वो हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है। यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे कष्ट ही मिलता है। यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह ख़ुशी उसका साथ कभी नहीं छोड़ती। हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाये। अतीत पे ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करों।

वैशाख पूर्णिमा आजः धनवान बनना है तो रात में जरूर करें यह उपाय

जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता। तीन चीजें ज्यादा देर तक नहीं छुप सकतीं, सूर्य, चंद्रमा और सत्य। अपने मोक्ष के लिए खुद ही प्रयत्न करें, दूसरों पर निर्भर ना रहे। किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं। किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है।

बुद्ध पूर्णिमा : भगवान बुद्ध के ये विचार आज भी दिखाते नई मंजिल के नए रास्ते

आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिये। जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती। घृणा घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है, यह शाश्वत सत्य है। क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं। शक की आदत से भयावह कुछ भी नहीं है।

बुद्ध पूर्णिमा : भगवान बुद्ध के ये विचार आज भी दिखाते नई मंजिल के नए रास्ते

शक लोगों को अलग करता है। यह एक ऐसा ज़हर है जो मित्रता ख़त्म करता है और अच्छे रिश्तों को तोड़ता है। यह एक कांटा है जो चोटिल करता है, एक तलवार है जो वध करती है। अगर आप वास्तव में स्वयं से प्रेम करते हैं, तो आप कभी भी किसी को ठेस नहीं पहुंचा सकते। अंत में ये चीजें सबसे अधिक मायने रखती हैं: आपने कितने अच्छे से प्रेम किया? आपने कितनी पूर्णता के साथ जीवन जिया? आपने कितनी गहराई से अपनी कुंठाओं को जाने दिया।

बुद्ध पूर्णिमा : भगवान बुद्ध के ये विचार आज भी दिखाते नई मंजिल के नए रास्ते

ट्रेंडिंग वीडियो