करें उचित रणनीति का निर्माण जीवन में सफल होने के लिए जितना परिश्रम करना जरूरी है, उतना ही आवश्यक होता है कि आप लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उचित रणनीति बनाकर तैयारी करें। यदि उचित रणनीति बनाकर तैयारी की जाए तो लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधाएं नहीं आती हैं और जल्दी ही लक्ष्य की प्राप्ति होती है।
पूरे जोश के साथ करें कार्य को पूर्ण कई बार हम काम को बहुत जोश और उल्लास के साथ शुरू करते हैं और कुछ समय के बाद हम उसे करते-करते ऊब जाते हैं। इससे हमारे काम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि कार्य में सफलता प्राप्त करनी है तो जिस ऊर्जा और उल्लास के साथ कार्य शुरू किया है उसी ऊर्जा के साथ कार्य को पूर्ण भी करना चाहिए।
दूसरो की गलतियों से सीखे आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को दूसरों की गलतियों से सीख लेनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। यदि हम दूसरों की गलतियों से सीख लेते हैं तो स्वयं से गलती होने की गुंजाइश बहुत कम हो और लक्ष्य प्राप्ति में बाधा नहीं आती। व्यक्ति समय रहते सफलता को प्राप्त कर लेता है। इसलिए चाणक्य नीति में कहा गया है कि मनुष्य को दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए, अपनी गलतियों से सीखने वाले का समय निकल जाता है।
बाधाओं से न हो विचलित जब हम कोई भी कार्य करते हैं तो उसमें समस्या आना स्वाभाविक है। ऐसे में कई बार हम घबरा जाते हैं या समस्या के आगे हार मान लेते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कार्य के बीच में आने वाली बाधाओं या कठिन परिस्थितियों से विचलित नहीं होना चाहिए। व्यक्ति को हमेशा अपना धैर्य बनाए रखना चाहिए और समस्याओं को सुलझाने के प्रयास करना चाहिए। जो व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति आने पर भी नहीं घबराता है वह अपने जीवन में सफल अवश्य होता है।