मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए ग्रहण के समय करें ये उपाय:
-ग्रहण लगने से पहले ही स्नान कर लें और पीले वस्त्र धारण करें।
-फिर ग्रहण शुरू होते ही घर के पूजा स्थल पर उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएं।
-अपने सामने एक लकड़ी की चौकी पर एक थाली रखें और उस पर केसर से स्वस्तिक या ॐ बनाएं।
-फिर बनाए गए ॐ या स्वस्तिक के निशान पर महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित करें।
-फिर एक और थाल ले और उसे महालक्ष्मी यंत्र के ठीक सामने रखें। उस थाल में एक शंख स्थापित करें।
-फिर एक मुठ्ठी चावल लें और उसे केसर में रंग दें।
-फिर उन केसर लगे चावलों को शंख में डाल दें।
-इसके बाद यंत्र के सामने घी का एक दीपक जलाएं और स्फटिक की माला से नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।
'सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि भुक्ति मुक्ति प्रदायिनी।
मंत्र पुते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।।'
-चंद्रग्रहण की समाप्ति के बाद इस पूरी सामग्री को नदी या तालाब या बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
-मान्यता है इस उपाय को करने से धन लाभ की संभावना बढ़ जाएगी।
बिजनेस में सफलता पाने के लिए चंद्र ग्रहण के दौरान करें ये उपाय:
-चंद्र ग्रहण लगने से पहले स्नान करके सफ़ेद या लाल वस्त्र धारण कर लें।
-इसके बाद घर के पूजा स्थल में साफ आसन पर उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएं।
-ग्रहण लगते ही चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
-इसके बाद अपने दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला लेकर बाएं हाथ में 5 गोमती चक्र लें।
-फिर मां भगवती काली और भगवान शिव का ध्यान करते हुए, “ॐ क्रीं कालिके स्वाहा ॐ” मंत्र की एक माला जपें।
-जप पूर्ण करने के बाद गोमती चक्रों को डिब्बी में रख दें।
-इसके बाद 5 हकीक के दाने और 5 मूंग के दाने लें। फिर मां भगवती काली और भगवान शिव का स्मरण करते हुए, “ॐ क्रीं कालिके स्वाहा ॐ” मंत्र की एक माला जपें।
-मंत्र जप के बाद इन्हें भी उस डिब्बी में रख दें जिसमें आपने गोमती चक्र रखें हैं और डिब्बी में सिंदूर भर दें।
-इसके बाद चमेली के दीपक को बुझा दें और उसका तेल भी डिब्बी में डाल दें।
-फिर ग्रहण काल की समाप्ति के बाद इस डिब्बी को बंद करके दफ्तर या बिजनेस वाली जगह के पूजा स्थान पर रख दें।
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(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)