कर दर्शन मंत्र:
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥
इस मंत्र के अनुसार हमारी हथेलियों में ही माता लक्ष्मी, सरस्वती और विष्णु का वास माना गया है। इसलिए व्यक्ति को सुबह जागते ही अपनी हथेलियों के दर्शन कर इस मंत्र का जाप करना चाहिए। यह बेहद फलदायक माना जाता है।
स्नान मंत्र:
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु
सुबह स्नान करते समय सभी पवित्र तीर्थों और नदियों का ध्यान करें और ऊपर दिए गए स्नान मंत्र का जाप करें। इस मंत्र द्वारा गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी जैसी सभी पवित्र नदियों का ध्यान किया जाता है।
सूर्य मंत्र:
ऊं सूर्याय नम:।
सूर्य देव को जल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का कम से कम 11, 21 या 108 बार जाप जरूर करें।
भोजन मंत्र:
ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै।। ऊं शान्ति: शान्ति: शान्ति:।।
ये मंत्र भोजन करने से पहले पढ़ना चाहिए। इस मंत्र के द्वारा भोजन के लिए भगवान का आभार प्रकट किया जाता है।
शयन मंत्र:
जले रक्षतु वाराहः स्थले रक्षतु वामनः।
अटव्यां नारसिंहश्च सर्वतः पातु केशवः।।
रात में सोने से पहले इस मंत्र का जाप करना चाहिए। आप चाहें तो हनुमान चालीसा या अपने ईष्टदेव का जाप भी कर सकते हैं।ज्योतिष- अमंगल से बचना है तो मंगलवार के दिन भूलकर भी न करें ये कार्य
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)