अपने गुणों को बढ़ाने का प्रयत्न करिए
– आप अपनी त्रुटियों एवं अवगुणों के विषय में मनन करना बन्द कर दीजिये। अन्य मनुष्यों के अवगुणों की सूची बना लीजिए और उनमें से किसी मुख्य पर ध्यान दीजिए और मनन कीजिए। अपने गुणों को बढ़ाने का प्रयत्न करिए। देखिए कि आप किन-किन बातों में दूसरे मनुष्यों से बढ़कर हैं और उन बातों पर विचार कीजिए। अपने विषय में सोचने के स्थान में दूसरों के विषय में सोचिए।
सुबह 8 बजे से पहले जप लें इनमें से कोई एक मंत्र, तेजी से बढ़ने लगेगी पैसों की आवक
विचारों को बदलें
– किसी भी काली लड़की का अत्यन्त सुन्दर महिलाओं की संगति में अपने आपको हीन अथवा निकृष्ट नहीं समझना चाहिए। उसे संगीतज्ञ और शिक्षित हो जाने का भरसक प्रयत्न करना चाहिए। अपने गुणों को बढ़ाने के विषय में सोचते रहना चाहिए और दूसरी महिलाओं से अपनी समानता करनी छोड़ देनी चाहिए। अन्य क्षेत्रों में भी जहां आपने समानता करने में अपने को दूसरों से कम पाया है, इसी प्रकार अपने विचारों को बदल देना चाहिए।
क्रोध का कारण
– अन्य मनुष्यों के कार्य और क्रियाओं को उनके दृष्टिकोण से भी देखिए। किसी भी विषय पर केवल अपने ही दृष्टिकोण से विचार करने और दूसरों के विचारों की प्रशंसा न कर सकने के कारण ही क्रोध उत्पन्न होता है। दूसरे मनुष्यों को सुधारने अथवा बदलने की चेष्टा मत करिए। उपस्थित परिस्थितियों के अनुसार अपने कार्यों और योजनाओं को बदलने का संकल्प कर लीजिए। दूसरे मनुष्यों को अपनी इच्छानुसार बदलने की अपेक्षा स्वयं प्रस्तुत परिस्थिति के अनुसार अपनी योजनायें बदल दीजिए।
अगर आपके आसपास इस भगवान का मंदिर है तो भूलकर भी इससे ज्यादा परिक्रमा न करें, नहीं तो…
परेशान एवं दुखी मत होइए
क्रोध से बचे रहने का मन में दृढ़ संकल्प कर लीजिए। शान्ति और प्रसन्नता अमूल्य वस्तुयें हैं। आप यदि एक बार भूखे भी रह जायं तो उसकी परवाह मत करिये और शान्त रहिए, किन्तु परेशान एवं दुखी मत होइए।
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